शिक्षा का आशय कौशल विकास से, तकनीकी शिक्षा को प्राथमिक शिक्षा का हिस्सा बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए – डायरेक्टर रामानंद
गोरखपुर,(दिनेश चंद्र मिश्र) महाराणा प्रताप पोस्ट ग्रेजुएट कालेज बीएड डिपार्टमेंट के तहत दो दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस ’राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 : संकल्प से सिद्धि तक’ का समापन समारोह के मुख्य अतिथि सेंटर ऑफ पॉलिसी, रिसर्च एंड गवर्नेंस, नई दिल्ली के डायरेक्टर रामानंद ने कहा कि शिक्षा का आशय कौशल विकास से है। इसलिए तकनीकी शिक्षा को प्राथमिक शिक्षा का हिस्सा बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए। छात्रों को तकनीकी कौशलों का प्रशिक्षण देकर नौकरियों और उद्यमिता के क्षेत्र में मौके दिए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा को डिजिटल माध्यमों से प्रमोट किया जाएगा। उच्चतर शिक्षा में तकनीकी और व्यावसायिक स्लेबस को आधुनिक बनाने का प्रयास किया जाएगा।नेशनल कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता करते हुए मदनमोहन प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जेपी सैनी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारत में शिक्षा के कई पहलुओं को सुधारने और विकसित करने का प्लान है। यह इंटरप्रेन्योरशिप को भी प्रोत्साहित करती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 विभिन्न स्तरों पर इंटरप्रेन्योरशिप कौशल को प्रोत्साहित करने के लिए स्कूल और कॉलेजों में इंटरप्रेन्योरशिप के कार्यक्रमों का प्रसार करने की बात करती है। इस नीति में इंटरप्रेन्योरशिप से संबंधित स्लेबस को बढ़ावा देने की बात की गई है, जो युवाओं को व्यवसायिक जगह पर तैयार करेंगे।