स्वदेशी नेटवर्किंग ऐप ‘खुल के’ लॉन्च
नयी दिल्ली,04 अक्टूबर (वार्ता) स्वदेशी नेटवर्किंग ऐप ‘खुल के’ को लाँच करने की आज घोषणा की गयी जिसका उद्देश्य भारतीयों को खुलकर अपने विचारों को अभिव्यक्त करने का अवसर प्रदान करना है।
‘खुल के’ के संस्थापक एवं सीईओ पीयूष कुलश्रेष्ठ ने यह घोषणा करते हुये कहा कि ऐप भारतीयों को एक-दूसरे से जुड़ने, घुलने-मिलने और सामूहिक लोकतंत्र में भागीदारी करने के तरीके में बड़ा बदलाव लाने के लिए तैयार है। यह ऐप ऑडियो-विजुअल कंटेट तक पहुंच प्रदान करने के साथ सामुदायिक निर्माण की गतिविधियों में शामिल है। इस ऐप से समान विचार रखने वाले और उन्हें शेयर करने वाले लोगों से बातचीत कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि टेस्टिंग के दौरान ही इस ऐप ने महीने दर महीने 10 से 15 प्रतिशत की दर से विकास किया है। इससे व्यापक नज़रिए के साथ सार्थक बातचीत को बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने कहा कि ऐप देश के सामने ज्वलंत मुद्दों पर भारत के पद्म पुरस्कार विजेताओं के साथ शुरू की गई बातचीत और सभी की सार्थक भागीदारी से संपूर्ण इकोसिस्टम बनाने के मुद्दे पर अपनी रोशनी बिखेरने के लिए तैयार है। पद्म पुरस्कार विजेता असल जिंदगी में सच्चे अर्थों में लोगों को प्रभावित करते हैं। उन्हें इस ऐप के माध्यम से महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार पेश करने के लिए सोशल मीडिया का आदर्श मंच प्रदान किया जा रहा है। उन्हें लिविंग लीजेंड और प्रेरणा देने वाले रोल मॉडल के रूप में सम्मान प्राप्त है। उनकी शोहरत और प्रतिष्ठा उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों के इतिहास का प्रमाण है।
उन्होंने कहा कि अनोखे और शानदार इंटरव्यू के अनुभव को संजोने की अटूट प्रतिबद्धता के साथ ऐप इन प्रतिष्ठित पुरस्कार विजेताओं के असाधारण अनुभवों, उपलब्धियों और योगदान को समाज के सामने लाने का प्रयास करता है। यह ऐप यूजरों को पद्म पुरस्कार विजेताओं के उल्लेखनीय जीवन और समाज पर उनके अमिट प्रभाव के शानदार सफर का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करता है। यह ऐप पद्म पुरस्कार विजेताओं और महात्मा गांधी के सिद्धांतो की उत्कृष्टता और समाजसेवा के उनके कार्यों का एक जीता-जागता प्रमाण है। यह ऐप हम सभी को अपने देश के गुमनाम नायकों की पहचान करने और उनके कार्यों की सराहना करने के लिए प्रेरित करता है।