उत्तरप्रदेश

यूपी में छह महीने में शुरू होगा फिल्म सिटी के निर्माण का कार्य

लखनऊ, 28 जून (वार्ता) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट अंतर्राष्ट्रीय फिल्म सिटी का निर्माण छह माह के अंदर शुरू हो जाएगा और तीन साल के अंदर यहां फिल्मों की शूटिंग और इससे संबंधित कार्य शुरू हो जाएंगे।

अधिकृत सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि फिल्म सिटी के निर्माण से प्रदेश और आसपास के राज्यों के 50 हजार लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे, वहीं पांच से सात लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर मिलेंगे। यही नहीं, स्किल्ड के साथ-साथ यहां अनस्किल्ड लोगों के लिए भी संभावनाएं होंगी। इसके अलावा, प्रदेश के जो लोग मुंबई, हैदराबाद व चेन्नई जैसे राज्यों में फिल्मों में अवसर तलाश रहे हैं, उन्हें यहां अवसर मिल सकेंगे, जबकि फिल्म इंस्टीट्यूट की स्थापना से फिल्मों में अपना करियर बनाने का सपना देख रहे युवाओं का यह सपना साकार हो सकेगा।

यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यीडा) के सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि जेवर एयरपोर्ट के साथ ही यीडा क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय फिल्म सिटी का निर्माण मुख्यमंत्री जी का सपना था, जो अब धरातल पर उतरने जा रहा है। इस फिल्म सिटी का निर्माण कार्य 4 से 6 माह के अंदर शुरू हो जाएगा और 3 साल में यहां फिल्म से जुड़ी जितनी भी गतिविधियां होती हैं वो भी शुरू हो जाएंगी।

उन्होने बताया कि फिल्म सिटी की शुरुआत से यहां प्रतिभाओं को अवसर मिलेगा। जो लोग मुंबई जाकर फिल्मों में काम करने का सपना देखते हैं, उन्हें अब यहीं अवसर मिलेगा। बहुत से लोग हैं जिनमें प्रतिभा की कमी नहीं है, लेकिन वो बड़े शहरों के खर्च अफोर्ड नहीं कर सकते हैं। उन्हें भी यहां अवसर मिल सकेगा। कलाकार, टेक्नीशियन, मिक्सर, कैमरामैन, स्टोरी राइटर समेत ऐसी बहुत सारी प्रतिभाएं जो प्लेटफॉर्म न मिल पाने के कारण प्रदेश के अंदर ही दम तोड़ देती हैं, उनको यह फिल्म सिटी एक प्लेटफॉर्म प्रदान करेगी।

सिंह ने बताया कि यह फिल्म सिटी बिल्कुल अलग होगी। अभी देश भर में जितनी भी फिल्म सिटी हैं, उनमें जो भी कमियां हैं, उन्हें इस फिल्म सिटी में दूर करने का प्रयास किया जाएगा। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि इनमें ट्रैवल टाइम कम होगा, क्योंकि बाकी फिल्म सिटी में ट्रैवलिंग में बहुत टाइम लगता है, चाहे वो मुंबई हो या हैदराबाद। यहां पर एयरपोर्ट है, जो फिल्म सिटी से बिल्कुल सटा हुआ है। इसलिए यहां मूवमेंट करना बहुत आसान है और टाइम की भी बचत होती है। इसके अलावा यहां एकमोडेशन की भी व्यवस्था रहेगी। साथ ही शूटिंग के जो आउटडोर लोकेशन होते हैं वो भी यहां स्थापित किए जाएंगे।

यहां फिल्म इंस्टीट्यूट भी बनेंगे, जहां ट्रेनिंग लेकर युवा फिल्म इंडस्ट्री में अपना करियर तलाश सकेंगे। उन्होंने बताया कि फिल्म सिटी में एक कंप्लीट इकोसिस्टम होगा। यहां पर हिमाचल भी होगा, कुल्लू मनाली भी होगा, कश्मीर भी होगा, रोड, एयरपोर्ट और हैलीपैड भी होगा। शूटिंग के लिए मंदिर भी होगा, मस्जिद और गिरिजाघर भी होगा। रहने के लिए विला होंगे, शूटिंग के लिए बैकलॉट्स होंगे,फिल्म इंस्टीट्यूीट्स होंगे, जिसमें बच्चे पढ़कर के अभिनय सीखकर के काम कर सकेंगे। साउंड मिक्सिंग और वीएफएक्स जैसी तकनीक का भी उपयोग होगा।

मुंबई की फिल्म सिटी से तुलना पर उन्होंने बताया कि यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवपलमेंट के पास वर्ल्ड क्लास का इंफ्रास्ट्रक्चर है। यहां पर रैपिड रेल है, मेट्रो है, इंडियन रेल भी यहां पर आ रही है, ट्रांजिट रेल भी आ रही है। साथ ही यहां पर होटल्स, विला जैसी सुविधाएं हैं। यहां पर न ट्रैवल टाइम है, न रहने की समस्या है। यहां पर मिक्सिंग भी रहेगा, ओटीटी प्लेटफॉर्म भी रहेगा, स्टूडियो भी रहेंगे। फिल्म सिटी के इम्पैक्ट को लेकर उन्होंने बताया कि इसका पूरे प्रदेश की इकॉनमी पर मल्टीप्लायर इफेक्ट पड़ेगा। जब फिल्म सिटी पूरी तरह से तैयार हो जाएगी तो लगभग 50 हजार लोगों को इसके माध्यम से रोजगार मिल सकेगा। 5 से 7 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।

Chauri Chaura Times

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