पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर स्थित बहुविषयक पद्धति प्रशिक्षण केंद्र (एमएसटीसी) में स्वदेशी तकनीक से निर्मित ट्रेन वंदे भारत का ट्रेनिंग सेंटर खुलेगा
गोरखपुर, (दिनेश चंद्र मिश्र) पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर स्थित बहुविषयक पद्धति प्रशिक्षण केंद्र (एमएसटीसी) में स्वदेशी तकनीक से निर्मित ट्रेन वंदे भारत का ट्रेनिंग सेंटर खुलेगा। ट्रेन की धुलाई, सफाई और आवधिक मरम्मत के साथ गोरखपुर में ही रेलकर्मियों को प्रशिक्षण की भी सुविधा मिल जाएगी। रेलकर्मी सामान्य ट्रेनों के साथ वंदे भारत के संचालन से संबंधित बारीकियां सिखाई जाएंगी। वे नई तकनीक में भी निपुण हो सकेंगे।
रेलवे प्रशासन की पहल पर एमएसटीसी ने हाईस्पीड ट्रेन के संचालन से संबंधित प्रशिक्षण के लिए पाठ्यक्रम का विस्तार किया है। एमएसटीसी के निदेशक अश्वनी कुमार दीक्षित के निर्देशन में अनुदेशक डा. महेश कुमार ट्रेन सेट परिचालन अनुदेश और दोष निवारण पाठ्य पुस्तिका तैयार की है। जिसमें वंदे भारत की नई तकनीक शामिल की गई है।एमएसटीसी में जल्द ही नई कक्षाएं भी चलनी शुरू हो जाएंगी। आने वाले दिनों में पूर्वोत्तर रेलवे सहित भारतीय रेलवे में वंदे भारत ट्रेनें ही चलाई जाएंगी। अब गुलाबी रंग की वंदे भारत में स्लीपर कोच भी लगने लगे हैं।बोर्ड की हरी झंडी मिलते ही संचालन भी शुरू हो जाएगा।
जानकारों का कहना है कि मुख्यालय गोरखपुर वंदे भारत के संचालन का ऐसा सेंटर बनेगा, जहां ट्रेनों की धुलाई, सफाई व आवधिक मरम्मत के साथ रेलकर्मियों को प्रशिक्षण की सुविधा भी मिल जाएगी। जिसका लाभ पूर्वोत्तर रेलवे ही नहीं अन्य जोन को भी मिलेगा। भारतीय रेलवे स्तर पर वंदे भारत की 50 सेवाएं संचालित हैं।
गोरखपुर में ही वंदे भारत की आवधिक मरम्मत (पीओएच) भी हो जाएगी। मरम्मत के लिए नया शेड बनेगा, जिसके लिए स्थल चिह्नित कर लिया गया है। यांत्रिक कारखाना के दक्षिणी छोर पर स्थित प्लेटफार्म नंबर नौ के पास स्थित मैकेनाइज्ड लाउंड्री की जगह वंदे भारत का नया शेड बनाने का प्रस्ताव है। न्यू वाशिंग पिट कोचिंग कांप्लेक्स के पास मैकेनाइज्ड लाउंड्री का नवनिर्माण होगा।