चंबल संग्रहालय, पंचनद द्वारा ‘काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी समारोह’ पर 8-9 अगस्त को गोरखपुर में दो दिवसीय आयोजन
गोरखपुर,(दिनेश चंद्र मिश्र) चंबल संग्रहालय, पंचनद की तरफ से ‘काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी समारोह’ पर देश का पहला दो दिवसीय आयोजन 8-9 अगस्त 2024 को गोरखपुर में होने जा रहा है। इसमें काकोरी केस के नायकों से संबधित पत्रों, डायरी, टेलीग्राम, स्मृति चिन्ह, समाचार पत्र, पत्रिकाएं, पुस्तकों, तस्वीरों, मुकदमें की फाइल आदि की प्रदर्शनी पहली बार लोग सार्वजनिक तौर पर देखकर उस दौर को महसूस कर सकेंगे। इसके साथ किस्सागोई, नाटक, क्रांति मार्च, क्विज, रंगोली, पेंटिग और भाषण प्रतियोगिता के साथ-साथ विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम किये जाएंगे।
इस आयोजन के जरिए स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण गौरवशाली इतिहास से नई पीढ़ी को अवगत कराया जाएगा। पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए महुआ डाबर एक्शन के महानायक पिरई खां के वंशज और प्रसिद्ध दस्तावेजी लेखक डॉ. शाह आलम राना ने कहा कि गोरखपुर आयोजन के बाद चंबल म्यूजियम काकोरी केस के नायकों से जुड़े अन्य स्थलों फैजाबाद, गोंडा, शाहजहांपुर, बरेली, फर्रूखाबाद, कानपुर, सुल्तानपुर, इलाहाबाद, बनारस, औरैया, मुरैना, मेरठ में समारोह आयोजित करने के बाद 7-8 अगस्त 2025 को लखनऊ में इसका भव्य और ऐतिहासिक समापन होगा।
काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी समारोह समिति, गोरखपुर के संयोजक अविनाश गुप्ता ने बताया कि समारोह की तैयारियां पूरी कर ली गई है। समारोह का शुभारंभ शहीद मणीन्द्रनाथ बनर्जी के परिजन करेंगे। समारोह के लिए भारत सरकार के संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, प्रसार भारती के चेयरमैन नवनीत कुमार सहगल, सूबे के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह, लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय आदि प्रमुख हस्तियों ने अपनी शुभकामनाएं भेजी हैं। आयोजन समिति से जुड़े विजेन्द्र कुमार अग्रहरि ने बताया कि काकोरी ट्रेन एक्शन के सौवें वर्ष पर क्रांतियोद्धाओं की स्मृति में सौ वृक्षों का रोपण किया जाएगा।
कार्यक्रम के लिए स्थानीय साथियों की आयोजन समिति बनाई गई है जिसमें, दीपक शर्मा, धीरेन्द्र प्रताप, आराधना श्रीवास्तव, सुरेन्द्र कुमार, हरगोविंद प्रवाह, पवन कुमार, योगेन्द्र कुमार, विवेक वर्मा, पारस नाथ मौर्य, सुनील तिवारी, संदीप गुप्ता, संजू चौधरी, वर्षा श्रीवास्तव, सुधिराम रावत, रीना जयसवाल, इन्द्रजीत कुमार, अनिल गुप्ता, नजरूल हसन, साकेत कुमार पांडेय, चंदन आर्या, राजू गुप्ता, मंजेश कुमार, पारस नाथ चौहान आदि शामिल हैं।
काकोरी केस के नायकों का गोरखपुर कनेक्शनः हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के आर्मी विंग के सेनापति पं. राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ को काकोरी षड्यंत्र केस में ‘चीफ कोर्ट आफ अवध जजमेंट’ 6 अप्रैल 1927 के फैसले में मृत्युदंड की सजा मिली। लखनऊ जिला जेल से ट्रांसफर कर गोरखपुर जेल के कोठरी न. आठ में बिस्मिल रखे गए। फांसी पर झूलने से महज तीन दिन पहले जेल अधिकारियों नजर बचाकर लिखी उनकी आत्मकथा विश्व की सर्वश्रेष्ठ आत्मकथा मानी जाती है। 19 दिसंबर 1927 को गोरखपुर जेल में ‘मैं ब्रिटिश साम्राज्य का विनाश चाहता हूं’ गरजते हुए बिस्मिल ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।
महान क्रांतिवीर और विचारक शचीन्द्र नाथ सान्याल का भी जुड़ाव गोरखपुर से रहा है। शचीन्द्र दा ने बनारस षड्यंत्र केस और काकोरी षड्यंत्र केस में दो बार आजन्म कारावास की सजा भोगी। हमारे सामने वे एक ऐसे प्रकाश स्तंभ हैं जिन्होंने अपने जीवन के 50 वर्ष में से 20 वर्ष जेल में नारकीय जीवन बिताया। इनके सबसे छोटे भाई भूपेन्द्रनाथ सान्याल को काकोरी केस में भी 5 वर्ष की कड़ी कैद हुई थी। शचीन्द्र दा के भाई रवीन्द्रनाथ सान्याल भी बनारस षड्यंत्र केस में कैद व नजरबंद रहे तो वहीं उनके भाई जितेन्द्रनाथ सान्याल सरदार भगत सिंह के साथ लाहौर षड्यंत्र केस में 2 वर्ष की सजा हुई थी। गोरखपुर कचहरी के पास रवीन्द्रनाथ सान्याल के घर में शचीन्द्रनाथ सान्याल देवली कैम्प से बीमारी की हालत में नजरबंदी से छूटकर आने के बाद 6 फरवरी 1943 को आखिरी सांस ली। रवीन्द्र नाथ सान्याल गोरखपुर के चर्चित सेंट एंडड्रूज कालेज में शिक्षक रहे और इसी कालेज में शचीन्द्रनाथ दा के पुत्र रंजीत सान्याल और पुत्री अंजली सान्याल ने पढ़ाई की है।