एमएमएमयूटी मे बीटेक पाठ्यक्रम में फर्जी ढंग से प्रवेश लेने के मामले में निष्कासित छात्रों को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत
गोरखपुर।मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) में बीटेक पाठ्यक्रम में फर्जी ढंग से प्रवेश लेने के मामले में निष्कासित छात्रों को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट के सिंगल बेंच ने अनमोल पांडेय एवं 34 अन्य के वाद पर सुनवाई करते हुए फर्जी प्रवेश के लिए विश्वविद्यालय के अधिकारियों-शिक्षकों को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही छात्रों का निष्कासन रद्द करने का आदेश देते हुए सभी को परीक्षा में शामिल कराकर परिणाम घोषित कराने का आदेश दिया है।एमएमएमयूटी में सितंबर 2022 में बीटेक की कक्षाओं में प्रवेश के मामले में एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ था। इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर जांच कराई। जांच में पाया गया कि दो अलग-अलग सत्रों में 40 छात्रों ने फर्जी दस्तावेज के सहारे विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया। जांच में तीन सदस्यीय कमेटी को वर्ष 2020 व 2021 बैच के 40 छात्र ऐसे मिले, जिन्होंने फर्जी ढंग से विश्वविद्यालय के बीटेक के अलग-अलग पाठ्यक्रमों में प्रवेश लिया था।इनमें 2020-21 बैच के 22 और 2021-22 बैच के 18 छात्र शामिल थे। प्रबंध बोर्ड ने इन छात्रों का प्रवेश निरस्त कर दिया। इस निर्णय के खिलाफ छात्र अनमोल पांडेय एवं 34 अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। छात्रों की तरफ से हाईकोर्ट के अधिवक्ता अशोक खरे, एके मालवीया और हिमांशु गुप्ता ने कोर्ट में पक्ष रखते हुए प्रवेश के लिए विश्वविद्यालय के अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया।
कोर्ट में प्रस्तुत साक्ष्य के आधार पर सिंगल बेंच की कोर्ट ने अनमोल पांडेय एवं 34 अन्य छात्रों का प्रवेश निरस्त करने के आदेश को रद्द करते हुए उन सभी छात्रों को परीक्षा में शामिल करने का निर्देश दिया है।