बहुविषयक पद्धति प्रशिक्षण केन्द्र, गोरखपुर में राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त पर साहित्यिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया
गोरखपुर,(दिनेश चंद्र मिश्र) पूर्वोत्तर रेलवे के राजभाषा विभाग द्वारा 19 से 26 सितम्बर, 2023 तक मनाए जा रहे राजभाषा सप्ताह समारोह-2023 के अन्तर्गत चिकित्सा निदेशक, ललित नारायण मिश्र चिकित्सालय, गोरखपुर श्री बी.एन. चौधरी के मुख्य आतिथ्य में 19 सितम्बर,2023 को बहुविषयक पद्धति प्रशिक्षण केन्द्र, गोरखपुर में राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त पर साहित्यिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का शुभारम्भ मुख्य अतिथि वक्ता एवं अन्य अधिकारियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया।
संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि एवं चिकित्सा निदेशक, ललित नारायण मिश्र, रेलवे चिकित्सालय, गोरखपुर श्री बी.एन. चौधरी ने कहा कि पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय द्वारा राजभाषा सप्ताह के अन्तर्गत 19 से 26 सितम्बर, 2023 तक विविध कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। पूर्वोत्तर रेलवे पर समय-समय पर साहित्यकारों की जयन्ती एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन राजभाषा विभाग द्वारा किया जाता है। आज इसी कड़ी में ’’राष्ट्रकवि श्री मैथिलीशरण गुप्त’’ जैसे महान साहित्यकार पर साहित्यिक संगोष्ठी आयोजित की जा रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त ने खड़ी बोली को अपनी रचनाओं का माध्यम बनाया और अपनी कविता के द्वारा खड़ी बोली को एक काव्य भाषा के रूप में निर्मित करने का प्रयास किया। राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त स्वभाव से ही लोकसंग्रही कवि थे और अपने युग की समस्याओं के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील रहे। श्री चौधरी ने कहा कि विविध धर्मों, सम्प्रदायों और संस्कृतियों के प्रति सहिष्णुता व समन्वय की भावना से गुप्त जी के काव्य का वैशिष्ट्य है। उनकी प्रमुख कृतियां पंचवटी, साकेत, जयद्रथ वध, यशोधरा, द्वापर, झंकार एवं जयभारत आदि हैं। हिन्दी कविता के इतिहास में गुप्त जी का यह सबसे बड़ा योगदान है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता सतीश चन्द्र स्नाकोत्तर महाविद्यालय, बलिया के पूर्व प्रोफेसर आद्या प्रसाद द्विवेदी ने अपने सम्बोधन में राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के साथ-साथ उनकी रचनाओं में राष्ट्रवाद की प्रधानता के विषय पर विस्तार से चर्चा की।
इस अवसर पर रेल मंत्री के संदेश का वाचन राजभाषा अधिकारी श्री अरशद मिर्जा द्वारा किया गया। हिन्दी दिवस के अवसर पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए रेल संचार एवं इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री, भारत सरकार श्री अश्विनी वैष्णव ने अपने संदेश में कहा कि भारत एक बहुभाषी देश है और विभिन्न भारतीय भाषाओं के साथ समन्वय स्थापित करते हुए हिन्दी ने जनमानस में विशेष स्थान प्राप्त किया है। भारतीय रेल, राजभाषा के प्रयोग-प्रसार के लिये सदैव सजग रही है। राजभाषा हिन्दी के उत्कृष्ट कार्य के लिये रेल मंत्रालय को वर्ष 2021-22 का तृतीय राजभाषा कीर्ति पुरस्कार प्राप्त हुआ है। सभी रेलकर्मी इसके लिये बधाई के पात्र हैं। हम सब हिन्दी दिवस पर यह संकल्प लें कि सामूहिक प्रयासों से देश में हिन्दी के प्रचार-प्रसार और प्रयोग को नया आयाम देंगे।