रविवार की शाम को डूबते सूर्य को व्रती महिलाओं ने अर्घ्य दिया
चौरीचौरा,दोपहर बाद गंगा प्रसाद तथा महादेव प्रसाद स्मारक इंटर कालेज के सामने स्थीत छठ घाट पर पुरूष एवं व्रती महिलाओं ने परिजनों संग माथे पर पूजन सामग्री से सजी डाली लेकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने घाट पर उमड़ पड़ीं।
गौरतलब है कि पुत्र प्राप्ति, समृद्धि एवं मंगलकामना के पर्व के रूप में छठी मैया की उपासना की जाती है।इस पर्व में प्रसाद से भरे बांस के सूप और टोकरियों को घाट पर ले जाया जाता है। जहां सूर्य देव को संध्या अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन भक्त निर्जला व्रत करते हैं। निर्जला व्रत अंतिम दिन के सूर्याेदय तक जारी रहता है। उगते हुए सूरज को अर्घ्य देने के बाद 36 घंटे का कठिन व्रत पूर्ण होता हैं।
28 अक्टूबर को नहाय खाय के साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया था। पर्व के चौथे और अंतिम दिन यानी 31 अक्टूबर सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद श्रद्धालुओं का व्रत संपन्न हो जाएगा. इसके बाद व्रती अन्न-जल ग्रहण कर ‘पारण’ करेंगी। हिंदू परंपरा के अनुसार, कार्तिक और चैत्र माह में छठ व्रत का आयोजन होता है।
छठ के प्रसाद को तैयार करने के लिए महिलायें खास तैयारी करती हैं। यह प्रसाद त्योहार के तीसरे दिन से शुरू होने वाले त्योहार में बहुत महत्व रखता है। चावल, गन्ना, ठेकुआ, पकवान, ताजे फल, सूखे मेवे, पेड़ा, मिठाई, गेहूं, गुड़, नारियल, घी, मखाना, नींबू, सेब, संतरा, इलायची, हरी अदरक और सूप में तरह-तरह के सात्विक खाद्य पदार्थ रखे जाते हैं।
उप जिलाधिकारी शिवम सिंह ने छठ पूजा स्थलों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया एवं अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
इस बार नगर पंचायत मुंडेरा बाज़ार के चुनाव नजदीक होने करण चेयरमैन पद के प्रत्याशियों के होडिंग लगे हुये हैं।