सावन के पहले सोमवार को शहर के शिव मंदिर में श्रद्धालुओं ने भगवान भोले शंकर को जल चढ़ाया
गोरखपुर,(दिनेश चंद्र मिश्र) सावन के पहले सोमवार को शहर के शिव मंदिर में श्रद्धालुओं ने भगवान भोले शंकर को जल चढ़ाया। इस दौरान हर-हर महादेव से शिवालय गूंज उठा। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रविवार देर रात तक मंदिरों में तैयारियां चलती रहीं। दिन में मंदिर व परिसर की साफ-सफाई और सजावट का काम हुआ। मंदिरों के आसपास माला-फूल और प्रसाद की दुकानें लगी हैं। श्रद्धालु सुगमता से बाबा के दर्शन और जलाभिषेक कर सकें, इसके लिए बैरिकेडिंग भी की गई है।
बाबा मुक्तेश्वर नाथ, महादेव झारखंडी मंदिर और मानसरोवर शिव मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी हुई है। यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक करने पहुंच रहे हैं। मंदिरों के आसपास बेलपत्र, धतूरा, भांग, फूल-माला और गंगाजल की भी दुकानें सज गई हैं। खासकर महादेव झारखंडी के आसपास रविवार को ही मेले जैसा माहौल दिखने लगा।
महादेव झारखंडी मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यह 400 साल पुराना है। झारखंडी में एक सूखा वृक्ष था। यहां एक लकड़हारा रहता था। वह वृक्ष काट रहा था। तभी उसकी कुल्हाड़ी वृक्ष से सटे से शिवलिंग पर जा लगी और वहां से रक्त बहने लगा। इसकी चर्चा क्षेत्र में फैली तो लोग देखने के लिए इकट्ठा हुए। लोगों ने महसूस किया कि यह प्राकृतिक शिवलिंग है। इसके बाद यहां पूजा-अर्चना शुरू हो गई।
लगातार जल और दूध से अभिषेक करने पर रक्त बहना बंद हुआ। उस दिन से झारखंडी को महादेव झारखंडी मंदिर के नाम से जाना जाने लगा। उन्होंने बताया कि झारखंडी शिव मंदिर में 40 से 50 हजार श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रबंधन की ओर से तैयारी पूरी कर ली गई हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए स्वयंसेवक भी लगाए गए हैं।