लखनऊ 06 अप्रैल (वार्ता) उत्तर प्रदेश में 8 अप्रैल से 8 मई तक वन एवं वन्यजीव संरक्षण माह मनाया जाएगा, जिसके दौरान वन संबंधी अपराधों पर अंकुश लगाने और वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वन प्रभागों में व्यापक अभियान चलाया जाएगा।
आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को यहां यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि अभियान में वन विभाग, राज्य पुलिस और नेपाल सीमा पर तैनात सुरक्षा बल, जिसमें सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) भी शामिल है, शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि “ प्रवर्तन के अलावा, नागरिकों को वन एवं वन्यजीव संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूक करने के लिए जन जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे।”
प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष सुनील चौधरी ने बताया कि अभियान प्रतिदिन तीन पालियों में चलेगा – सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक, दोपहर की पाली दोपहर 2 बजे से रात 10 बजे तक और रात्रि पाली रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक। उन्होंने बताया कि प्रत्येक प्रभाग में समर्पित टीमें गठित की जा रही हैं, जो वन भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए भी जिम्मेदार होंगी।
उन्होंने कहा “ प्रत्येक अभियान प्रभाग की देखरेख संबंधित क्षेत्रीय/मंडल वन संरक्षक द्वारा की जाएगी, जो नोडल अधिकारी के रूप में कार्य करेंगे। प्रधान मुख्य वन संरक्षक के कार्यालय में स्थापित कमांड सेंटर को दैनिक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।”
श्री चौधरी ने कहा कि नोडल अधिकारियों की देखरेख में लोगों को पेड़ लगाने और जंगल में आग जैसी घटनाओं के प्रति सतर्क रहने के लिए प्रेरित करने का भी प्रयास किया जाएगा।
उन्होंने कहा “ गर्मियों के दौरान ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए गांवों में विशेष अभियान चलाया जाएगा।”
अग्नि नियंत्रण प्रकोष्ठ मुख्यालय के नोडल अधिकारी पीपी सिंह ने कहा कि सुरक्षा अभियान के तहत लोगों को जंगल में आग लगने से बचाव के बारे में जागरूक किया जाएगा।
उन्होंने कहा “ नागरिकों को आग से संबंधित छोटी से छोटी घटना की भी सूचना प्रभागीय वन अधिकारी या अग्नि नियंत्रण प्रकोष्ठ को देने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित हो सके। लोगों को वन संबंधी आपात स्थितियों के लिए समर्पित हेल्पलाइन नंबर के बारे में भी सूचित किया जाएगा।”