नयी दिल्ली 08 अप्रैल (वार्ता) कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने सार्वभौमिक खाता संख्या (यूएएन) बनाने और शुरु करने के लिए ‘चेहरा पहचान प्रौद्योगिकी’ का प्रयोग शुरू किया है जिससे इससे करोड़ों सदस्यों को सरल, सुरक्षित और पूरी तरह से डिजिटल सेवाएं मिलेंगी।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को यहां बताया कि नयी प्रणाली में चेहरा पहचान प्रौद्योगिकी से कर्मचारी खुद अपना यूएएन बना सकेंगे और उसे शुरु कर सकेंगे। कर्मचारी उमंग ऐप का इस्तेमाल कर खुद अपना यूएएन बना सकते हैं। इसके लिए आधार नंबर और फोन नंबर का प्रयोग करना होगा। मौजूदा प्रक्रिया में यूएएन आमतौर पर नियोक्ता बनाता है। इसमें गलतियों की आशंका बनी रहती है। वित्त वर्ष 2024-25 में कुल 1,26,56,127 यूएएन बने, लेकिन केवल 44,68,236 (35.30 प्रतिशत) ही चालू हुए।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि शत-प्रतिशत आधार और चेहरा पहचान प्रौद्योगिकी के सत्यापन से सुरक्षा और सरलता सुनिश्चित होगी। कर्मचारी खुद अपना यूएएन बना सकता है। इससे नियोक्ता पर निर्भरता खत्म होगी।