नयी दिल्ली, 20 अप्रैल (वार्ता) राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 129वीं जयंती के अवसर पर आईएनए ट्रस्ट की ओर से रविवार को ‘मोइरंग दिवस’ को श्रद्धापूर्वक एवं गरिमापूर्ण ढंग से मनाया गया।।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री टोकन साहू थे। इस अवसर पर दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री रवीन्द्र इंद्राज सिंह और शोभित विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. कुंवर शेखर विजेंद्र विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
इसके अलावा, आईएनए ट्रस्ट के अध्यक्ष ब्रिगेडियर आर.एस. छिकारा, न्यासी दिनेश सिंह, डॉ. निधि कुमार और रणनीतिक सलाहकार मंदीप मुखर्जी की भी गरिमामयी उपस्थिति रही। सुप्रसिद्ध नृत्यांगना एवं राज्य सभा सदस्य सोनल मान सिंह सांस्कृतिक संरक्षक के रूप में कार्यक्रम से प्रतीकात्मक रूप से जुड़ी रहीं।
समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलन और ‘वंदे मातरम्’ की प्रस्तुति के साथ हुई। इसके उपरांत आयोजित 19वें आईएनए स्मृति व्याख्यान में श्री सिंह ने नेताजी के संघर्ष को सामाजिक न्याय और आत्मसम्मान का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, “मोइरंग केवल सैन्य विजय नहीं, बल्कि भारतवासियों की स्वराज्य प्राप्ति की नैतिक घोषणा थी।”
श्री साहू ने कहा, “स्मार्ट सिटी और किफायती आवास योजनाएं नेताजी के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं।”
डॉ. विजेंद्र ने मोइरंग को ‘नागरिक पुनर्जागरण का क्षण’ बताते हुए कहा कि नेताजी की विरासत को शिक्षा और नेतृत्व प्रशिक्षण के माध्यम से नई पीढ़ी तक पहुँचाया जाना चाहिए।
कार्यक्रम में अतिथियों को आईएनए कैप पहनाकर सम्मानित किया गया। “कदम कदम बढ़ाए जा” की प्रस्तुति ने आज़ाद हिंद फौज की भावना को पुनर्जीवित किया।
आईएनए ट्रस्ट के अध्यक्ष ब्रिगेडियर छिकारा ने कहा, “नेताजी का जीवन अतीत नहीं, बल्कि भविष्य का मार्गदर्शन है। हम युवाओं को प्रेरित करने के लिए नेताजी सुभाष मिलिट्री स्कूलों और देशभक्ति कार्यक्रमों का संचालन कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, ” आज़ादी केवल विजय नहीं, बल्कि एक नैतिक उत्तरदायित्व है।”
उल्लेखनीय है कि मोइरंग दिवस भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का वह गौरवशाली अध्याय है, जब 14 अप्रैल 1944 को आज़ाद हिंद फौज के कर्नल शौकत मलिक ने मणिपुर के मोइरंग में भारतीय तिरंगा फहराया था। यह स्वतंत्र भारत की पहली सैन्य विजय थी, जब नेताजी की आज़ाद हिंद सरकार ने पहली बार भारतीय भूभाग पर शासन का अधिकार स्थापित किया था।