गोरखपुर (दिनेश चंद मिश्रा)। भारतीय विद्वत् महासंघ के महामंत्री व श्री हनुमत ज्योतिष सेवा संघ के संस्थापक अध्यक्ष पं. बृजेश पाण्डेय ज्योतिषाचार्य ने महाशिवरात्रि पर्व एवं व्रत कि महत्ता के बारे मे बताते हुए कहा कि शिवरात्रि का पर्व साल में दो बार व्यापक रुप से मनाया जाता है,एक फाल्गुन मास में तथा दूसरा श्रावण मास में,फाल्गुन मास की शिवरात्रि को महाशिवरात्रि के नाम से मान्यता है। महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस बार महाशिवरात्रि का पावन पर्व दिनाँक 26 फरवरी दिन बुधवार को पड़ रहा है। पं. बृजेश पाण्डेय ज्योतिषाचार्य ने यह भी बताया कि पौराणिक कथाओं के अनुसार फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को ही भगवान शिव जी और माता पार्वती जी का विवाह हुआ था, इसी कारण महाशिवरात्रि को बहुत ही पवित्र पर्व माना जाता है! इस दिन भगवान शिव को मनाने और उनकी कृपा पाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना गया है।भगवान शिव केवल एक लोटा जल और बिल्वपत्र अर्पित करने से ही प्रसन्न हो जाते हैं,इसलिए उन्हें भोलेनाथ और आशुतोष भी कहा जाता है। गृहस्थ जीवन जीने वाले लोग महाशिवरात्रि को शिव जी के विवाह की वर्षगांठ के रूप में मनाते हैं। महत्वाकांक्षी लोग इसे उस दिन के रूप में देखते हैं,जब शिव जी ने अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त किया था,परन्तु योगिक परंपरा में हम शिव जी को एक ईश्वर की तरह नहीं पूज्यते बल्कि प्रथम गुरु या आदि गुरु के रूप में पूज्यते हैं।भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए महाशिवरात्रि के दिन कई उपाय किए जाते हैं जिसमे शिव जी को तीन पत्तों वाला 108 बेलपत्र चढ़ाया जाता है। महादेव को भांग अतिप्रिय है, भांग को दूध में मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं, धतुरा और गन्ने का रस शिव जी को अर्पित करें। इससे जीवन में सुख समृद्धि बढ़ती है,जल में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग पर अर्पण करने से मन की अशांति दूर होती है! महाशिवरात्रि को भगवान शंकर को पंचामृत से स्नान कराएं। अंत मे केसर के 8 लोटे जल चढ़ाएं!सम्पूर्ण रात्रि तक दीपक जलाएं।चंदन का तिलक लगाएं, बेलपत्र, भांग, धतूरा, गन्ने का रस, तुलसी, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र व दक्षिणा चढ़ाएं! अन्त में केसर युक्त खीर का भोग लगा कर प्रसाद बांटें तथा ॐ नमो भगवते रूद्राय, ॐ नमः शिवाय रूद्राय् शम्भवाय् भवानीपतये नमो नमः मंत्र का जाप करें! इस दिन शिव पुराण का पाठ व महाशिवरात्री के दिन रात्रि जागरण करने से भक्तों कि सभी मनोकामनायें पूर्ण होती है।