डाक विभाग की रचनात्मक गतिविधियों से डाक टिकटों का संग्रह बना रुचिकर- मुख्यमंत्री

लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कहा कि डाक विभाग ने अपनी रचनात्मक गतिविधियों के साथ डाक टिकटों के संग्रह को रुचि का क्षेत्र बना दिया है। इसके माध्यम से डाक विभाग ने वर्तमान को अतीत से जोड़ने का बेहतर प्रयास किया है। डाक टिकटों का संग्रह अनेक रचनात्मक गतिविधियों से हमें जोड़ता है।
मुख्यमंत्री शनिवार को ललित कला अकादमी में चीफ पोस्ट मास्टर जनरल उत्तर प्रदेश परिमंडल द्वारा आयोजित 12वीं उत्तर प्रदेश डाक टिकट प्रदर्शनी ‘यूफ़िलेक्स-2022’ का उद्घाटन करने के उपरान्त समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘श्रीराम वन गमन पथ-विशेष आवरण व विरूपण’ का विमोचन किया। उन्होंने उत्तर प्रदेश में श्रीराम वन गमन पथ पर स्थित 14 स्थानों के मानचित्र का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने ‘डिफनेटिव स्टाम्प-थीमेटिक पैकेट’ का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज उन्होंने यहां जिस प्रदर्शनी का उद्घाटन किया है, उसमें 300 से अधिक फ्रेम्स लगे हुए हैं। प्रदर्शनी में आजादी के बाद से अब तक जारी हुए डाक टिकटों तथा स्पेशल कवर को देखने का अवसर प्राप्त हुआ है। यह हमारा सौभाग्य है कि यहां भगवान श्रीराम के 14 वर्ष के वनवास के दौरान श्रीराम वन गमन पथ पर आधारित विशेष आवरण व विरूपण का विमोचन किया गया है। इसके माध्यम से उत्तर प्रदेश के उन 14 प्रमुख क्षेत्रों को देखने का अवसर प्राप्त होगा। यह एक संग्रह के साथ ही ज्ञानवर्धन व मनोरंजन का माध्यम भी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि डाक टिकटों का संग्रह एक समय लोगों का शौक हुआ करता था। डाक सेवाओं के बिना जीवन अधूरा समझा जाता था। सभी लोग किसी न किसी रूप में डाक सेवाओं से जुड़े थे। उस समय आवागमन के साधन सीमित थे। दूर संचार की सेवाएं नहीं थीं, अथवा न के बराबर थीं। उन स्थितियों में जीवन के समग्र विकास से जुड़ी तमाम चीजों का केन्द्र बिन्दु पोस्ट ऑफिस हुआ करता था। डाक घर सूचनाओं के आदान-प्रदान, मनी ऑर्डर के माध्यम से पैसे भेजने अथवा एक सामान्य परिवार की छोटी पूंजी को जमा करने के केन्द्र हुआ करते थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि डाक टिकटों का संग्रह उस समय की तकनीक से हमें जोड़ने के साथ ही उस समय पैसे की कीमत के बारे में भी ध्यान आकर्षित करता है। किसी विशिष्ट घटना या कार्यक्रम अथवा महापुरुष से सम्बन्धित जो डाक टिकट जारी होते हैं, वह इतिहास को समेटे रहते हैं। वह अनेक सूचनाएं प्रदान करते हैं, जो वर्तमान पीढ़ी के लिए ज्ञानवर्धन के साथ संग्रहणीय होते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश एक समृद्धशाली राज्य है। भगवान श्रीराम के 14 वर्ष के वनवास काल में सर्वाधिक 12 वर्ष उन्होंने उत्तर प्रदेश में ही व्यतीत किये थे। प्रदेश का जनपद चित्रकूट इसका साक्षी है। उस समय साधन नहीं थे। इसलिए श्रीराम वन गमन मार्ग की दूरी बहुत ज्यादा लगती है। लेकिन आज साधन हैं। एक-एक स्थल इस बात के गवाह हैं कि भगवान श्रीराम किन मार्गों के माध्यम से वन में गये थे तथा किस प्रकार उन्होंने उस समय के समाज को सुरक्षित माहौल देने का कार्य किया था। ज्ञातव्य है कि टिकट प्रदर्शनी ‘यूफ़िलेक्स-2022’ की थीम ‘भारत की समृद्धि, संस्कृति और विकास में उत्तर प्रदेश का योगदान’ है। डाक विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश के 14 स्थानों को चिन्हित किया गया है, जहां-जहां से भगवान श्रीराम गुजरे थे। इन स्थानों का सांस्कृतिक व आध्यात्मिक महत्व है। इसी पर आधारित विशेष आवरण व विरूपण का विमोचन मुख्यमंत्री जी द्वारा किया गया है। इन 14 स्थानों में जनपद अयोध्या, जनपद अयोध्या का तमसा नदी घाट तथा सूर्य कुण्ड, जनपद सुल्तानपुर का सीता कुण्ड, जनपद प्रतापगढ़ का देव घाट, जनपद प्रयागराज का श्रृंग्वेरपुर, राम जेता, भारद्वाज ऋषि आश्रम तथा अक्षय वट, जनपद चित्रकूट का सीता पहाड़ी, महर्षि वाल्मीकि आश्रम, कामदगिरि, रामशैय्या तथा रामघाट शामिल हैं।