‘स्वच्छ और सुरक्षित छठ’ का संदेश लेकर लोगों की जरूरत के अनुसार सभी प्रबंध किए जाएं” – योगी
लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छठ पर्व की तैयारियों की समीक्षा कर ‘सुरक्षित व स्वच्छ छठ’ के संदेश के साथ यह पर्व मनाने की अपील की जिससे जनभावनाओं का सम्मान सुनिश्चित हो सके।
संबद्ध विभागों के मंत्रियों एवं आला अधिकारियों के साथ शनिवार को संपन्न हुयी बैठक में योगी ने नदी घाटों पर स्वच्छता, सुरक्षा, पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था, पार्किंग, मोबाइल टॉयलेट और पेयजल सहित अन्य जनसुविधाओं के व्यवस्थित प्रबंध करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि लोक-आस्था के महापर्व छठ को लेकर स्वच्छता और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाये।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि भीड़ भाड़ वाले स्थलों पर आतिशबाजी न होने पाए, इसका विशेष ध्यान रखा जाए। साथ ही उन्होंने छठ पूजन वाले हर स्थलपर ‘पब्लिक एड्रेस सिस्टम’ की व्यवस्था करने को भी कहा है। योगी ने छठ महापर्व के अवसर पर आमजन की आवश्यकताओं के अनुरूप व्यवस्था के संबंध में यहां आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में ये दिशा-निर्देश दिए।
बैठक में उन्होंने कहा कि अगामी 30 और 31 अक्टूबर को लोकआस्था का महापर्व ‘छठ’ मनाया जाना है। पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में इस पर्व की विशिष्ट परंपरा रही है। उन्होंने कहा, “हमारा प्रयास हो कि हर एक व्रतधारी श्रद्धालु जन को अधिकधिक सुविधाएं उपलब्ध हों, ताकि पर्व का आयोजन बाधारहित हो सके। इसके लिये ‘स्वच्छ और सुरक्षित छठ’ का संदेश लेकर लोगों की जरूरत के अनुसार सभी प्रबंध किए जाएं।”
योगी ने कहा कि छठ महापर्व में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की सपरिवार सहभागिता होती है। ऐसे में नदी घाटों पर स्वच्छता, सुरक्षा, पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था, पार्किंग, मोबाइल टॉयलेट, पेयजल सहित जनसुविधा के व्यवस्थित प्रबंध किए जाएं। स्थानीय आवश्यकताओं का ध्यान रखते हुए सभी व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि छठ के अवसर पर अस्ताचलगामी सूर्य और उदित होते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है। नदी घाटों के आस-पास पर्याप्त प्रकाश प्रबंध होना चाहिए। पर्व के अवसर पर निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाए। नदी की गहराई के अनुसार सुरक्षित क्षेत्र का चिन्हांकन किया जाए।
योगी ने कहा कि छठ घाटों के पास स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएं। यहां डेंगू, बुखार व विभिन्न जल जनित बीमारियों की जांच की व्यवस्था होनी चाहिए। व्रतधारी माताएं ठंडे पानी में देर तक खड़ी रहती हैं। ऐसे में किसी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्राथमिक चिकित्सा का समुचित प्रबंध किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन नदी, तालाब व अन्य जलाशयों पर छठ पूजन की परंपरा है, वहां पानी की पर्याप्त उपलब्धता होनी चाहिए। आपात स्थिति के लिए एसडीआरएफ एवं एनडीआरएफ की टीमों की तैनाती होनी चाहिए। उन्होंने सुरक्षा के दृष्टिगत पूजन स्थल पर पुलिस के साथ महिला पुलिस की भी तैनाती करने को कहा। उन्होंने कहा कि कुछ पुलिसकर्मियों को सादी वर्दी में भी तैनात किया जाना चाहिए।
योगी ने कहा कि हर प्रमुख स्थल, जहां छठ पूजन होता है, वहां पब्लिक एड्रेस सिस्टम की व्यवस्था करें। कई बार छोटे बच्चे अपने परिजनों से बिछड़ जाते हैं, ऐसे में एक हेल्पडेस्क की स्थापना भी कराई जाए। इन स्थलों पर ट्रैफिक प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। पार्किंग की समुचित व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि छठ पूजन के दौरान आतिशबाजी की परंपरा है, ऐसे में लोगों की आस्था का सम्मान करते हुए उनकी सुरक्षा का ध्यान रखा जाना चाहिए। यह सुनिश्चित करें कि आतिशबाजी भीड़भाड़ से दूर हो, ताकि व्रत-पूजन सुचारू रूप से सम्पन्न हो।
योगी ने कहा कि हर व्यक्ति छठ पर्व अपने पूरे परिवार के साथ मनाने की इच्छा रखता है। ऐसे में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में लोगों को घर तक पहुंचाने के लिए अतिरिक्त बसें लगाई जाएं। दूसरे प्रदेशों से आ रहे लोगों के साथ प्रशासन व पुलिस के लोग सहयोगपूर्ण व्यवहार करें।
योगी ने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा सुलभ कराने के लिए सरकार संकल्पित है। विगत कुछ दिनों से डेंगू व अन्य बीमारियों के मरीजों की संख्या में बढोतरी देखी जा रही है। प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित किया जाए कि अस्पताल में आने वाले हर मरीज को बेड मिले, उसकी विधिवत चिकित्सकीय जांच हो और समय पर इलाज किया जाए। हमारे सभी मेडिकल कॉलेजों सहित जिला अस्पताल, पीएचसी, सीएचसी व अन्य उच्च स्तरीय संस्थान साधन संपन्न हैं। इसका लाभ लोगों को मिलना चाहिए। मरीजों के साथ दुर्व्यवहार की सूचना कतई स्वीकार नहीं की जाएगी।