ओटीटी प्लेटफार्मों के लिए नियम दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के ही समान रखे जाएं : सीओएआई
नयी दिल्ली , भारतीय दूरसंचार उद्योग के लिए मंच सेल्यूलर आपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने प्रस्तावित दूरसंचार विधेयक में ओटीटी प्लेटफार्म को स्पष्ट रुप से परिभाषित किए जाने का सुझाव दिया है।
संगठन ने कहा है कि दूरसंचार सेवा क्षेत्र में सभी प्रौद्योगिकियों के बीच एक समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए ओटीटी संचार सेवाओं के संबंध में समान सेवा समान नियम, ताकि उद्योग में निष्पक्ष और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा कायम है।
सीओएआई के जारी एक बयान में कहा गया है कि यह उद्योग अपने पारिस्थितिकी तंत्र में विभिन्न इकाइयों द्वारा नयी तकनीकों और सेवाओं को अपनाने का स्वागत करता है लेकिन हर किसी के लिए नियामक शर्तों और व्यवहार समान रूप से लागू किए जाने चाहिए।
बयान में कहा गया है कि सीओएआई दूरसंचार विभाग द्वारा हाल ही जारी भारतीय दूरसंचार विधेयक 2022 के मसौदे में ओवर दी टॉप (ओटीटी) संचार सेवाओं को शामिल करने का स्वागत करता है, पर दूरसंचार विधेयक के मसौदे में ओटीटी संचार सेवाओं को स्पष्ट रूप से परिभाषित करने की आवश्यकता है।
सीओएआई ने कहा है कि यह मानना उचित नहीं है कि दूरसंचार सेवाएं और ओटीटी ऐप कोई समान स्तर पर काम नहीं कर रहे होते हैं, इसलिए उनके लिए समान विनियमन की जरूरत नहीं है।
बड़े सेवा प्रदाताओं के संगठन का तर्क है कि जब वास्तव में कॉल (वॉयस/वीडियो) जैसी सेवाएं चाहे दूरसंचार सेवा प्रदाता (टीएसपी) कंपनियों या ओटीटी ऐप्स द्वारा प्रदान की जाती हों तो दोनों एक ही सतह पर काम करती हैं।
संगठन का कहना है कि नेटवर्क इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने में भारी मात्रा में निवेश करने और विभिन्न नियामक अनुपालनों को पूरा करने के संदर्भ में भारी परिचालन खर्च करने के अलावा दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियां (टीएसपी) लाइसेंस शुल्क, एसयूसी, जीएसटी, आदि के रूप में अत्यधिक शुल्क और करों का भुगतान करते हैं। इसके विपरीत ओटीटी संचार सेवा प्रदाता, जो टीएसपी के नेटवर्क का उपयोग करके भारी प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष लाभ और राजस्व कमा रहे हैं। इस प्रकार यह अधिक उपयुक्त होगा कि वे इस बुनियादी ढांचे के विकास की लागत में योगदान दें, जो वर्तमान में अकेले टीएसपी द्वारा वहन किया जाता है।