अभियान चलाकर हो बकायेदारों से राजस्व वसूली:डीएम
देवरिया, जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह आज कलेक्ट्रेट सभागार में राजस्व विभाग के सितंबर माह की मासिक समीक्षा की। उन्होंने राजस्व न्यायालयों में लंबित वादों के त्वरित एवं गुणवत्तायुक्त निस्तारण के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने भू-राजस्व वसूली को प्रभावी बनाने के उद्देश्य से 3 एकड़ से अधिक भूमि के भूस्वामियों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया। साथ ही भू-राजस्व वसूली में खराब प्रदर्शन करने वाले राजस्व अमीनों को चिन्हित कर सख्त कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया।
जिलाधिकारी ने कहा कि राजस्व न्यायालयों में लंबित वादों का त्वरित निस्तारण किया जाये। उन्होंने जनपद स्तरीय राजस्व न्यायालयों द्वारा तहसील स्तर से मांगी गई रिपोर्ट को समय से उपलब्ध न कराने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। कुल 661 प्रकरण लंबित हैं, जिनमें तहसीलों से रिपोर्ट तलब की गई है। जिलाधिकारी ने जलभराव से हुई फसलों की क्षति की समीक्षा भी की। उन्होंने 31 अक्टूबर से पूर्व सर्वे कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया।
सितंबर माह में राजस्व अभिलेखागार से नकल प्राप्ति के लिए कुल 3232 आवेदन आये, जिसमें से 2772 का निस्तारण कर दिया गया। 460 आवेदन अवशेष है। डीएम ने अवशेष प्रकरणों के शीघ्र निपटारे का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अंतर्गत 821 लाभर्थियों के खाते में 3561 लाख रुपये हस्तांतरित किये जा चुके हैं। जिलाधिकारी ने प्रत्येक तहसील के दस बड़े राजस्व बकायेदारों का नाम तहसील मुख्यालय पर चस्पा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बड़े राजस्व बकायेदारों से अभियान चलाकर वसूली की जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि निर्विवादित वरासत के आवेदनों का प्राथमिकता के आधार पर दीपावली से पूर्व निस्तारण किया जाए। उन्होंने कहा कि वरासत दर्ज करने में विलंब होने पर संबंधित लेखपाल का उत्तरदायित्व तय किया जाएगा।
इस अवसर पर सीआरओ अमृत लाल बिंद, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व नागेंद्र कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी प्रशासन गौरव श्रीवास्तव, एसडीएम संजीव उपाध्याय, एसडीएम गजेंद्र सिंह, एसडीएम ध्रुव कुमार शुक्ला, एसडीएम अरुण कुमार, एसडीएम (न्यायिक) मंजूर अहमद अंसारी, एसडीएम (न्यायिक) महेंद्र कुमार, एसडीएम (न्यायिक) आरपी वर्मा सहित विभिन्न अधिकारी मौजूद थे।