मुंबई, 24 मार्च (वार्ता) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हितधारकों से मिले फीडबैक के आधार पर मौजूदा प्रावधानों की व्यापक समीक्षा के बाद प्राथमिकता क्षेत्र ऋण (पीएसएल) के लिए संशोधित दिशानिर्देश आज जारी किए।
आरबीआई ने बताया कि ये नए नियम 01 अप्रैल, 2025 से लागू होंगे। यह दिशानिर्देश अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण क्षेत्रों को ऋण उपलब्धता बढ़ाने पर केंद्रित हैं। इसमें कई महत्वपूर्ण बदलाव शामिल हैं। इसमें पीएसएल के तहत आवास ऋण सहित विभिन्न ऋणों की सीमाओं में वृद्धि की गई है। साथ ही ‘नवीकरणीय ऊर्जा’ के लिए पात्र उद्देश्यों का दायरा बढ़ाया गया है।
केंद्रीय बैंक ने बताया कि शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए समग्र पीएसएल लक्ष्य को समायोजित नेट बैंक ऋण (एएनबीसी) या ऑफ-बैलेंस शीट एक्सपोजर के समतुल्य ऋण (सीईओबीएसई) के 60 प्रतिशत तक, जो भी अधिक हो, संशोधित किया गया है। इसके अलावा यूसीबी द्वारा व्यक्तिगत महिला लाभार्थियों को दिए जाने वाले ऋणों पर मौजूदा सीमा हटा दी गई है और ‘कमजोर वर्ग’ के तहत पात्र उधारकर्ताओं की सूची का विस्तार किया गया है।
आरबीआई का मानना है कि इन संशोधनों से अर्थव्यवस्था के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों जैसे कृषि, एमएसएमई, आवास और नवीकरणीय ऊर्जा को बैंक ऋण का बेहतर और लक्षित आवंटन सुनिश्चित होगा। इससे वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलेगा और कमजोर तबकों तक संसाधन पहुंचाने में मदद मिलेगी।