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रक्तस्राव तेजी से रोकने में सहायक ड्रेसिंग का विकास किया पुणे के वैज्ञानिकों ने

नयी दिल्ली, 12 अगस्त (वार्ता) केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के पुणे स्थित स्वायत्त संस्थान-अगरकर रिसर्च इंस्टीट्यूट (एआरआई) के शोधकर्ताओं ने मानव अंग से रक्तस्राव को शीघ्रता से नियंत्रित करने में सहायक एक अत्यधिक सरंध्र ( खांखर) और स्पंजी ज़ेरोजेल हेमोस्टेटिक ड्रेसिंग विकसित की है।

इस कंपोजिट (सम्पूर्ण) ड्रेसिंग को तैयार करने में सिलिका नैनोपार्टिकल्स और कैल्शियम के मिश्रण का प्रयोग किया गया है।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा है कि घाव पर इस तरह की ड्रेसिंग से रक्त को तेजी से जमने में मदद कर सकती है और अनियंत्रित रक्तस्राव कम हो सकता है। मिश्रित ड्रेसिंग ने वाणिज्यिक ड्रेसिंग की तुलना में रक्त के थक्के बनने की दर में महत्वपूर्ण सुधार दिखाया।

चिकित्सा वैज्ञानिकों का कहना है कि दुर्घटनाओं या चोटों और सैन्य या सर्जिकल ऑपरेशनों के दौरान होने वाली दर्दनाक मौत के कारणों में अनियंत्रित रक्तस्राव एक प्रमुख कारण है। रिपोर्ट के अनुसार 40 प्रतिशत से अधिक दर्दनाक मौतें रक्त की गंभीर हानि के कारण होती हैं।

घाव पर सामान्यत:- कपास की पट्टी लगायी जाती है, लेकिन गंभीर स्थिति में मानव शरीर की प्राकृतिक सुरक्षा गंभीर रक्तस्राव को रोकने के लिए अपर्याप्त साबित है। शहर छोटे मोटे रक्तस्राव को शरीर स्वयं फाइब्रिन सक्रियण द्वारा प्लेटलेट प्लग गठन कर और रक्त के थक्के बनने के प्रक्रिया से थम जाता है।

गंभीर स्थिति में रक्त की हानि को कम करने के लिए रक्त प्रवाह रोकने (हेमोस्टैटिक) की बेहतर सामग्रियों की तत्काल आवश्यकता होती है।

संस्थान के वैज्ञानिकों ने सिलिका नैनोपार्टिकल्स और कैल्शियम जैसे कोशिका के अंदर रिसेप्टर (एगोनिस्ट) से जुड़ने वाली मिश्रित सामग्री का अध्ययन किया और पाया कि इसने तैयार ड्रेसिंग की थक्का जमाने की क्षमता का संचकांक 13 गुना बढ़ गया।

Chauri Chaura Times

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