Friday, May 23, 2025

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श्रीरामजन्मभूमि परिसर में निर्मित अस्थायी मंदिर को भव्यता के साथ खोलने की तैयारी

अयोध्या, 7 मई (वार्ता) अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि परिसर में निर्मित अस्थायी मंदिर को श्रद्धालुओं के लिये फिर से नये सिरे से भव्यता देने के बाद खोलने की तैयारी किया जा रहा है।

श्रीरामजन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्र ने बुधवार को बताया कि रामजन्मभूमि परिसर में निर्मित अस्थायी मंदिर को श्रद्धालुओं के लिये फिर से खोलने की तैयारी हो रही है। इस मंदिर को नये सिरे से भव्यता प्रदान की जायेगी। श्रद्धालु राम मंदिर की तरह इस मंदिर में भी पूजा-अर्चना कर सकेंगे।

उन्होंने बताया कि यहां टेन्ट में 28 साल तक विराजमान रहे हनुमानजी का विग्रह पूजित-प्रतिष्ठित है। यहां रोजाना पूजा-अर्चना के लिये पुजारियों की नियुक्ति की गयी है। उन्होंने बताया कि नौ नवम्बर 2021 को सुप्रीम कोर्ट से श्रीराम मंदिर के हक में आये फैसले के बाद मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया था। फरवरी 2020 में केन्द्र सरकार की ओर से मंदिर निर्माण के लिये श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किया गया। मंदिर निर्माण की निगरानी के लिये राम मंदिर निर्माण समिति गठित हुई। इसके बाद 25 मार्च 2020 को सुबह चार बजे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टेंट से विराजमान रामलला समेत चारों भाईयों के विग्रह को अस्थायी मंदिर में विराजित किया।

श्री मिश्र ने बताया कि यह अस्थायी मंदिर लकड़ी का बनाया गया था। लकड़ी के इस मंदिर में रामलला तीन साल दस माह तक विराजित रहे और पूरी भव्यता से उनकी पूजा होती रही। मंदिर का भूतल बन जाने के बाद 22 जनवरी 2024 को रामलला को नये गर्भगृह में विराजित कर दिया गया, लेकिन टेंट में विराजमान हनुमानजी का विग्रह अभी भी अस्थायी मंदिर में ही विराजित है।

उन्होंने बताया कि क्योंकि लकड़ी की आयु ज्यादा नहीं होती है और अस्थायी मंदिर ऊंचाई पर स्थित है इसलिये नये सिरे से इसे भव्यता प्रदान की जायेगी ताकि यहां भी श्रद्धालु पूजा-अर्चना कर सकें। उनके मुताबिक नयी डिजाइन तैयार की जा रही है। ट्रस्ट की ओर से राम मंदिर में पूजा-अर्चना, राग-भोग सेवा के लिये बीस पुजारियों की नियुक्ति की गयी है। 14 पुजारी सुबह व शाम दो पालियों में राम मंदिर में पूजा-अर्चना करते थे जबकि छह पुजारियों को अस्थायी मंदिर में लगाया गया है। तीन पुजारी सुबह व तीन पुजारी शाम को अस्थायी मंदिर में पूजा-अर्चना, राग-भोग की व्यवस्था संभालते हैं। उन्होंने बताया कि राम मंदिर की तर्ज पर यहां राग-भोग की व्यवस्था की जाती है।

Universal Reporter

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