Tuesday, June 17, 2025

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राम मंदिर की दूसरी प्राण प्रतिष्ठा उत्सव की तैयारी पूरी

अयोध्या, 01 जून (वार्ता) मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में नवनिर्मित दिव्य और भव्य राम मंदिर की द्वितीय प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं।

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चम्पत राय ने आज बताया कि राम मंदिर की दूसरी प्राण प्रतिष्ठा उत्सव की तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। इससे पूर्व दो जून को अर्थात् कल महिलाओं के द्वारा मंगल कलश यात्रा निकाली जायेगी। यह यात्रा सरयू तट के संत तुलसी घाट से अपरान्ह चार बजे से शुरू होगी और लता चौक से रामपथ होते हुए हनुमानगढ़ी, बड़ा स्थान व रंगमहल होकर श्रीराम मंदिर परिसर में यज्ञ मण्डप तक जायेगी।

उन्होंने बताया कि इसके लिये पहले मां सरयू का पूजन एवं यजमान का प्रायश्चित कर्म भी सम्पादित होगा। तीन जून से अनुष्ठान का विधिवत शुभारम्भ शुरू हो जायेगा। तीन व चार जून को सुबह साढ़े छह बजे से सायंकाल साढ़े छह बजे तक बारह-बारह घंटे का अनुष्ठानन होगा। इस दौरान मध्यान्ह में एक घंटे फलाहार के लिये विश्राम दिया जायेगा। श्रीरामजन्मभूमि ट्रस्ट के मुताबिक पांच जून को अनुष्ठान सुबह साढ़े छह बजे प्रारम्भ होगा और अभिजीत मुहूर्त में मध्यान्ह ११.३० बजे के बाद देवविग्रहों में प्राणों के आधान की प्रक्रिया होगी और फिर आरती के साथ अपरान्ह एक बजे अनुष्ठान की पूर्ण आहुत हो जायेगी। प्राण प्रतिष्ठा के लिये सभी तैयारियां वैदिक रीति-रिवाज के साथ की जा रही है ताकि यह समारोह पूर्ण विधि-विधान के साथ सम्पन्न हो।

अयोध्या में श्रद्धालुओं के लिये विशेष व्यवस्थायें की जा रही हैं ताकि वे इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बन सकें। यह आयोजन अयोध्या को विश्व पटल पर और अधिक प्रमुखता प्रदान करेगा। राम मंदिर ट्रस्ट ने सभी भक्तों से इस पवित्र अवसर पर शामिल होने और भगवान श्रीराम के प्रति अपनी भक्ति अर्पित करने का आवाहन किया है।

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव ने बताया कि श्रीरामजन्मभूमि में सप्त मण्डप के अन्तर्गत सात मंदिर बनाये गये हैं। उन्होंने बताया कि गोस्वामी तुलसीदास महाराज की मूर्ति स्थापना के साथ ही सप्तम मण्डप में मूर्तियों की स्थापना की जा चुकी है। इस सप्तम मण्डप में महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र एवं महर्षि अगस्त्य के अलावा निषादराज, माता शबरी एवं देवी अहिल्या की स्थापना करा दी गयी है।

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने पांच जून को राम दरबार समेत सात मूर्तियों के प्राण प्रतिष्ठा की घोषणा की है। यह आयोजन गंगा दशहरा के पावन अवसर पर सम्पन्न होगा। इस दौरान पूजन चलता रहेगा। राम दरबार में दर्शन कब से शुरू होंगे यह बात अभी तय नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। अयोध्या फिर धार्मिक उत्सव और भक्ति के रंग में रंगने को तैयार है। ट्रस्ट के मुताबिक आयोजन तीन जून से शुरू होगा जिसमें यह मण्डप पूजन और अग्नि स्थापना जैसे अनुष्ठान शामिल होंगे। चार जून को विविध अधिवास व पालकी यात्रा का आयोजन होगा और पांच जून को प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन किया जायेगा।राम मंदिर में प्रथम तल पर राम दरबार के साथ आठ मंदिरों में देव विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा होगी।

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक कुल सात मंदिरों का जिक्र किया गया है जिसमें रामदरबार के अलावा परकोटे के छह मंदिरों की मूर्तियां शामिल हैं। उन्होंने बताया कि शेषावतार मंदिर में निर्माण कार्य दस प्रतिशत अवशेष है जिससे असमंजस है। यदि सम्बन्धित निर्माण सकुशल पूरा हो गया तो उस पर विचार किया जायेगा।

उन्होंने बताया कि राम दरबार व परकोटे के मंदिरों में आम भक्तों का दर्शन अभी नहीं होगा। पांच जून को राम दरबार सहित परकोटे के सभी छह मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा के बाद पूजा-अर्चना शुरू हो जायेगी। फिर भी आम श्रद्धालुओं के लिये दर्शन की व्यवस्था बनाने में समय लगेगा। राम मंदिर पचास हजार से डेढ़ लाख श्रद्धालु प्रतिदिन दर्शन करने आ रहे हैं परन्तु इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को प्रथम तल पर भेजना संभव नहीं है।

उन्होंने यह भी जानकारी दी कि परकोटा में दोनों भुजाओं का निर्माण भी अधूरा है जिसके कारण यहां भी दर्शन करना मुश्किल है।नवनिर्मित दिव्य और भव्य राम मंदिर द्वितीय प्राण प्रतिष्ठा का साक्षी बनने जा रहा है। राम मंदिर के प्रथम तल पर स्थापित राम दरबार समेत अन्य मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम तीन दिन में प्रारम्भ होगा। इस प्रतिष्ठा अनुष्ठान को पंडित दीनदयाल नगर के कर्मकांडी आचार्य जयप्रकाश सहयोगी के रूप में बस्ती के वैदिक आचार्य अमरनाथ और १०१ आचार्य के साथ होंगे। इस प्राण प्रतिष्ठा में अयोध्या नगरी के आचार्य भी शामिल होंगे। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय ने बताया कि मुख्य कार्यक्रम पांच जून को दोपहर ११ बजे अभिजीत मुहूर्त से प्रारम्भ होगा। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि इससे पहले तीन और चार जून को प्राण प्रतिष्ठा का पूजन सुबह १०.३० बजे से प्रारम्भ होकर १२ घंटा तक चलेगा। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम एक साथ लगभग सात मंदिरों में सम्पन्न होगा, इसके लिये सभी क्रम सामान्य रूप से एक साथ चल सकें और तालमेल ठीक बना रहे इसके लिये सीसीटीवी कैमरा और स्क्रीन से जोड़ा जायेगा। मुख्य आचार्य एक स्थान पर बैठकर योग संचालन करेंगे।

उन्होंने बताया कि पांच जून को कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गुरू महंत अवैद्यनाथ महाराज ने श्रीरामजन्मभूमि आंदोलन में १९८४ से जुडक़र आध्यात्मिक सक्रियता का निर्वाह किया था और उनके भी गुरु महंत दिग्विजय नाथ महाराज १९४९ से इस कार्य से जुड़े थे। आज वर्तमान में स्वयं योगी आदित्यनाथ इस आंदोलन को जिंदा बनाये रखने के लिये घर-घर पहुंचने के लिये सक्रिय बने रहे।

उन्होंने बताया कि इसके अलावा इस प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने वाले अतिथियों में ट्रस्ट के सदस्यों के साथ करीब बीस संत-धर्माचार्य, पन्द्रह गृहस्थ के नाम का चयन किया गया है। उन्होंने बताया कि अभी परिसर की स्थिति बड़ी संख्या में लोगों को बुलाने के लिये नहीं है। उन्होंने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के दिन श्रद्धालु रामलला का दर्शन करते रहेंगे। प्राण प्रतिष्ठा के दृष्टिगत सभी मंदिरों में मूर्तियां स्थापित की जा चुकी हैं। राम मंदिर के प्रथम तल पर रामदरबार में भगवान राम और माता जानकी, लक्ष्मण, शत्रुघ्न, भरत और हनुमानजी की मूर्तियां गर्भगृह में स्थापित की जा चुकी हैं।

उन्होंने बताया कि आठ सौ मीटर लम्बे आयताकार परकोटे के अंदर चौदह सौ मीटर स्थान रखा गया है। उन्होंने बताया कि राम मंदिर परिसर में दो-दो यज्ञ मण्डप का निर्माण कराया गया है। यह यज्ञ मण्डप पहले भी था लेकिन पुराने यज्ञ मण्डप के बांस बल्लियों को हटाकर नये सिरे से तैयार किया गया है। उसके स्थान पर नौ यज्ञ कुण्ड भी बनाये गये हैं। यहां १०१ वैदिक आचार्य के द्वारा अनुष्ठान की विधि पूरी की जायेगी। राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की ही तरह इस बार भी राम मंदिर व शेषावतार सहित अन्य छह मंदिरों के मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान होगा। पहला और इस बार में मूल अंतर यह है कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह भूतो न भविष्यतो की तरह था। तो इस बार कोई समारोह नहीं हो रहा है बल्कि अनुष्ठान तक सीमित कर दिया गया है।

फिलहाल अनुष्ठान की तैयारियों के साथ श्रीरामजन्मभूमि परिसर की भव्य साज-सज्जा की भी तैयारियां की जा रही हैं।पांच सौ सालों के संघर्ष के बार आखिरकार राम मंदिर का सपना साकार हो चुका है और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद बाकी देव विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा का भी मुहूर्त पांच जून को तय हो गया है। यह इस बात का प्रमाण है कि श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से निकलवाया गया मुहूर्त उत्तम होने के साथ कार्य सिद्धिदायक भी होगा। इसके साथ विशेष ग्रंथों का परायण व उन्हीं मंत्रों से हवन भी किया जायेगा।

Universal Reporter

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