
नयी दिल्ली 01 मार्च (वार्ता) द स्टेट्समैन विंटेज और क्लासिक रैली के बहुप्रतीक्षित 58वें संस्करण के आगाज के पहले इस रैली में हिस्सा लेने वाली कारों का प्री -जजिंग इवेंट यहां बाराखंभा रोड स्थित मॉर्डन स्कूल में शनिवार को आयोजित किया गया।
दो दिनों के दौरान 100 से अधिक विंटेज और क्लासिक कारों का बहुत ही सावधानी से मूल्यांकन किया गया, जिसमें ऑटोमोटिव इतिहास की समृद्ध विरासत और शिल्प कौशल का जश्न मनाया गया।
रविवार को होने वाली भव्य रैली, कनाॅट प्लेस में स्टेट्समैन हाउस से शुरू होगी। प्रतिभागी 44 किलोमीटर की यात्रा पर निकलेंगे। रैली का समापन नेशनल स्टेडियम में होगा और पुरस्कार वितरण समारोह होगा।
इस साल की सबसे आकर्षक प्रविष्टियों में से एक दमन ठाकोर की 1950 की एमजी वाईटी कन्वर्टिबल है जिसे उनके परिवार में प्यार से “लाल परी” के नाम से जाना जाता है।
गुजरात के व्यवसायी ठाकोर ने अहमदाबाद से 2023 में लंदन तक की इस कार में की गयी अपनी अविश्वसनीय 73-दिवसीय यात्रा के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि किस तरह से क्रोएशिया, इटली और तुर्की सहित 12 देशों में 12,000 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए उनकी कार ने एमजी कारों के जन्मस्थान, ऑक्सफोर्डशायर के एबिंगडन की ऐतिहासिक यात्रा भी की।
श्री ठाकोर ने कहा “ यह कार एक दुर्लभ रत्न है। जब इन कारों को बनाया गया था उस समय भी केवल 900 का निर्माण किया गया था और आज दुनिया भर में केवल 150-200 ही बचीं हैं।”
एक दूसरे उल्लेखनीय प्रतिभागती गुरप्रीत सिंह हैं जो अपनी 1928 की रोल्स रॉयस फैंटम 1 ओपन टूरर को इस रैली में लेकर आ रहे हैं, जो मूल रूप से भावनगर के महाराजा की थी। 68 वर्षीय आर्किटेक्ट सिंह ने खुलासा किया कि कार को लगभग फायर इंजन के रूप में फिर से तैयार किया गया था, इससे पहले कि वे इसे बहाल करने के लिए आगे आए। गुजरात परिवहन आयुक्तालय के साथ इसके मूल पंजीकरण को संरक्षित करने पर अपनी संतुष्टि व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा “ यह सिर्फ एक कार नहीं है, यह भारत की समृद्ध ऑटोमोटिव विरासत का एक टुकड़ा है।”
विंटेज ऑटोमोबाइल के प्रति जुनून अब भी बरकरार है, लेकिन उनकी घटती लोकप्रियता को लेकर चिंता बनी हुई है। जज ज्ञान शर्मा ने विंटेज कार संस्कृति को बनाए रखने के लिए सरकारी सहायता की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा “ बढ़ते ड्राइविंग प्रतिबंधों और बढ़ते रखरखाव लागतों के कारण, कम युवा उत्साही लोग इस तरह की रैली में शामिल हो रहे हैं। यह एक समय में एक संपन्न शौक था लेकिन अब केवल कुछ समर्पित लोग ही इसे अपना रहे हैं। इस परंपरा को जीवित रखने के लिए स्टेट्समैन को श्रेय दिया जाना चाहिए।”
मूल्यांकन प्रक्रिया पर चर्चा करते हुए जज प्रमोद भसीन ने विस्तार से बताया कि वाहनों का मूल्यांकन मौलिकता, रखरखाव, पेंट की गुणवत्ता, असबाब और भागों की प्रामाणिकता के आधार पर किया गया। जैसे-जैसे रैली नजदीक आ रही है विंटेज कार के मालिक और उत्साही लोग ऑटोमोटिव इतिहास को संरक्षित करने की अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ता से बने हुए हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि यह प्रतिष्ठित आयोजन आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहे।