गोरखपुर। कवियित्री और समाजसेवा डॉ सरिता सिंह की प्रेरणा से तीन लोगों ने संयुक्त तौर से ग्यारह टीबी मरीजों को गोद लेकर टीबी उन्मूलन का संकल्प लिया है। जिले में इस समय 3736 निक्षय मित्र 5405 टीबी उपचाराधीन रोगियों को गोद लेकर उनकी देखभाल कर रहे हैं। यह जानकारी जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी (डीटीओ) डॉ गणेश यादव ने दी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम नवागत सीएमओ डॉ राजेश झा की प्राथमिकताओं में भी शामिल है। उनके नेतृत्व में इस कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित की जाएगी।
डीटीओ डॉ यादव ने बताया कि महायोगी गुरू गोरखनाथ विश्वविद्यालय के वरिष्ठ लाइब्रेरियन डॉ भारतेंदु सिंह, पूर्वांचल फिजियोवेलफेयर से डॉ राकेश कुमार सिंह और अधिवक्ता पूजा गुप्ता ने ग्यारह टीबी मरीजों के बीच शनिवार शाम पोषण पोटली वितरित की। इन लोगों को डॉ सरिता सिंह द्वारा टीबी मरीजों को गोद लेने के लिए प्रेरित किया गया था। डॉ सिंह कुष्ठ रोग विभाग में कर्मचारी भी हैं, जिसकी वजह से वह राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को करीब से जानती हैं।
डॉ सरिता सिंह ने बताया कि उन्हें डॉ गणेश यादव और विभिन्न संचार माध्यमों से टीबी मरीजों के एडॉप्शन का महत्व पता चला । उन्होंने अपने परिचितों में इस बात का प्रचार प्रसार किया कि उपचाराधीन टीबी मरीजों को गोद लेकर उन्हें इलाज चलने तक हर माह पोषण पोटली व मानसिक संबल एवं यथासंभव अन्य आवश्यक सहयोग देने से वह जल्दी ठीक हो जाते हैं। उनकी दवा नियमित रहती है तो जटिलताएं भी नहीं बढ़ती है। इससे संक्रमण की चेन भी टूट जाती है और समाज का टीबी से बचाव होता है। मरीजों को गोद लेने वाले तीनों निक्षयमित्रों ने बताया कि वह इलाज चलने तक सभी मरीजों की यथासंभव मदद करेंगे। साथ ही अन्य लोगों और गैर सरकारी संगठनों को भी निक्षय मित्र बन कर टीबी उन्मूलन में योगदान देने के लिए प्रेरित करेंगे।
इस अवसर पर पीपीएम समन्वयक अभय नारायण मिश्र, एसटीएस मयंक, गोबिंद और जिला क्षय रोग केंद्र के कई कर्मचारीगण मौजूद रहे।