पेटेंट के योग्य आवेदकों को होत्साहित न किया जाए : गोयल
नयी दिल्ली , केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बौद्धिक सम्पदा ( आईपी ) रखने वाले पेशेवरों को अपने काम में संवेदनशील होने के लिए कहा है ताकि योग्य आवेदकों को पेटेंट अधिकार से वंचित न होना पड़े।
श्री गोयल राजधानी में राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा सम्मेलन 2022 के समापन सत्र को ‘ज्ञान अर्थव्यवस्था के विकास को उत्प्रेरित करने के लिए आईपी पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करनाÓ विषय पर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत के आईपी पारिस्थितिकी तंत्र में और भी अधिक उच्च स्तर की पारदर्शिता, ईमानदारी, दक्षता और गति लाने की आवश्यकता है।
उन्होंने इस अवसर पर वर्ष 2021 तथा 2022 के राष्ट्रीय आईपी पुरस्कार भी प्रदान किए।
श्री गोयल ने बताया कि सरकार आईपी संबंधी मामलों में कार्यवाही के बार-बार अनुरोध को हतोत्साहित करने के लिए नियमों में संशोधन पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि आवेदन, फाइलिंग और पेटेंट प्रदान करने से संबंधित सभी प्रक्रियाओं को जल्द से जल्द ऑनलाइन किया जाए ताकि आवेदकों को पेटेंट कार्यालय का चक्कर न लगाना पड़े ।
वाणिज्य मंत्री ने आईपी पेशेवरों को अपने काम में संवेदनशीलता पैदा करने के लिए कहा ताकि बौद्धिक संपदा पारिस्थितिकी तंत्र उन लोगों को पेटेंट से इनकार करके अच्छे काम को बाधित न करे जिन्होंने इस पर कड़ी मेहनत की है और जो संरक्षण के पात्र हैं।
श्री गोयल ने पेटेंट पारिस्थितिकी तंत्र में ऐसे ऐसे दलालों को हतोत्साहित करने की जरूरत पर भी बल दिया जो आवेदकों को कागजी कार्रवाई में मदद करने करने का प्रलोभन देते हुए। इसके लिए उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आवेदकों और हितधारकों के साथ पेटेंट कार्यालयों की दैनिक, खुली बातचीत के लिए कहा।
मंत्री ने कहा कि नियंत्रकों की संख्या का विस्तार करने की मांग है और पूर्व नियंत्रकों और सेवानिवृत्त विशेषज्ञों से कुछ वर्षों के लिए स्वेच्छा से काम करने की अपील की है ताकि बैकलॉग और ऐतिहासिक पेंडेंसी को दूर करने में मदद मिल सके।
उन्होंने आईपी पारिस्थितिकी तंत्र में उच्च स्तर की पारदर्शिता, अखंडता, दक्षता और गतिशीलता पर बल देते हुए यह भी कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए नियमों को बदलने पर विचार कर रही है कि स्थगन के लिए बार-बार अनुरोध को हतोत्साहित किया जाए।
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के सचिव अनुरोग जैन ने कहा कि भारत में पिछले सात वर्षों में पेटेंट दाखिल करने में पांच गुना वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि ट्रेडमार्क दाखिल करने में भी चार गुना सुधार हुआ है।