नयी दिल्ली 07 मार्च(वार्ता) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आम लोगों को किफायती मूल्य पर बेहतर गुणवत्ता वाली अंग्रेजी दवायें उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से हर साल सात मार्च को मनाये जा रहे जन औषधि दिवस के मद्देजनर शुक्रवार को देश भर में जनऔषधि केन्द्रों पर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
इसके तहत एक मार्च से सात मार्च तक विशेष अभियान के तहत कार्यक्रमों का आयोजन किया गया और शुक्रवार को विशेषतौर पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जिसमें स्वास्थ्य शिविर आदि का आयोजित कर लोगों को जनऔषधि के बारे में बताया गया।
हर साल 7 मार्च को ‘जन औषधि दिवस’ मनाया जाता है ताकि इस योजना के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके और जेनेरिक दवाओं के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा सके। इस पहल को समर्थन देने के लिए 1 से 7 मार्च तक पूरे देश में सप्ताह भर के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
इस वर्ष, 1 मार्च को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में पीएमबीजेपी के बारे में जानकारी प्रसारित करने के लिए समारोह की शुरुआत की गई। प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) ने आम जनता को किफायती दामों पर गुणवत्तापूर्ण दवाइयाँ उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिससे देश के हर कोने तक स्वास्थ्य सेवा पहुँचना सुनिश्चित हुआ है। सभी जिलों में अब 15,000 से अधिक जन औषधि केंद्रों के चालू होने के साथ, इस योजना ने न केवल स्वास्थ्य सेवा की सामर्थ्य को बढ़ाया है, बल्कि स्वरोजगार के लिए एक अवसर भी बनाया है, जिससे स्थायी और नियमित आय की प्राप्त की जा रही है। अब जबकि सरकार जेनेरिक दवाओं के उपयोग को बढ़ावा देती रहेगी, इस योजना में और वृद्धि देखने को मिलेगी, जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार और भारत में उद्यमिता को बढ़ावा देने में इसकी भूमिका मजबूत होगी।
‘प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी)’ को नवंबर 2008 में रसायन और उर्वरक मंत्रालय के फार्मास्यूटिकल्स विभाग द्वारा केंद्रीय फार्मा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के सहयोग से लॉन्च किया गया था । इस पहल का उद्देश्य प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र (पीएमबीजेके) नामक समर्पित दुकानों के माध्यम से जनता को सस्ती कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण दवाइयाँ उपलब्ध कराना है।
प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) का उद्देश्य सभी को किफायती दामों पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयाँ उपलब्ध कराना है। इस पहल के तहत प्राथमिक लक्ष्यों में से एक है जेनेरिक दवाओं के लाभों के बारे में जनता को शिक्षित करना, इस बात पर ज़ोर देना कि सस्ता होना गुणवत्ता से समझौता नहीं है। इस पहल का उद्देश्य इस गलत धारणा को दूर करना है कि उच्च कीमतें बेहतर गुणवत्ता का संकेत देती हैं। पीएमबीजेपी का उद्देश्य स्वास्थ्य पेशेवरों, विशेष रूप से सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले पेशेवरों को जेनेरिक दवाओं के विकल्प लिखने के लिए प्रेरित करना है, जिससे लागत प्रभावी उपचार विकल्पों को बढ़ावा मिले।
इस पहल का उद्देश्य विभिन्न चिकित्सीय श्रेणियों में आमतौर पर प्रयुक्त होने वाली जेनेरिक दवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध कराना है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल उत्पाद सभी के लिए, विशेष रूप से वंचित लोगों के लिए उपलब्ध हों। दुनिया भर में जेनेरिक दवाओं के अग्रणी निर्यातकों में से एक होने के बावजूद, अधिकांश भारतीयों के पास सस्ती दवाओं तक पर्याप्त पहुंच नहीं है। ब्रांडेड दवाइयाँ उनके गैर-ब्रांडेड जेनेरिक समकक्षों की तुलना में काफी अधिक कीमत पर बेची जाती हैं, हालाँकि वे अपने चिकित्सीय मूल्य में समान हैं।
महिलाओं के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, जन औषधि सुविधा ऑक्सो-बायोडिग्रेडेबल सैनिटरी नैपकिन 27 अगस्त 2019 को लॉन्च किए गए, जिन्हें केवल 1 रुपये प्रति पैड की दर से उपलब्ध कराया जाता है। जन औषधि सुविधा नैपकिन देश भर में 15000 से अधिक पीएमबीजेपी केंद्रों पर बिक्री के लिए उपलब्ध कराए जा रहे हैं। 31 जनवरी 2025 तक सुविधा नैपकिन की संचयी बिक्री 72 करोड़ है।
जन औषधि सुगम मोबाइल एप्लिकेशन अगस्त, 2019 में लॉन्च किया गया था। ऐप में विभिन्न उपयोगकर्ता-अनुकूल विशेषताएं हैं जैसे – गूगल मानचित्र के माध्यम से नजदीकी जन औषधि केंद्र का पता लगाना, जन औषधि जेनेरिक दवाओं की खोज करना, एमआरपी के संदर्भ में जेनेरिक बनाम ब्रांडेड दवाओं की कीमतों की तुलना करना, समग्र बचत आदि।
इस योजना की एक अनूठी विशेषता यह है कि इसका संचालन सरकारी एजेंसियों के साथ-साथ निजी उद्यमियों द्वारा भी किया जाता है। जन औषधि दवाओं की कीमतें खुले बाजार में उपलब्ध ब्रांडेड दवाओं की कीमतों से 50 प्रतिशत से 80 प्रतिशत कम हैं । उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए दवाएं केवल विश्व स्वास्थ्य संगठन – अच्छे विनिर्माण अभ्यास (डब्ल्यूएचओ-जीएमपी) प्रमाणित निर्माताओं से ही खरीदी जाती हैं। सर्वोत्तम गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए दवा के प्रत्येक बैच का परीक्षण ‘राष्ट्रीय परीक्षण और अंशांकन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड’ (एनएबीएल) द्वारा मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में किया जाता है।
सात दिवसीय जन औषधि दिवस 2025 समारोह की शुरुआत केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा द्वारा प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना को बढ़ावा देने के लिए रथ और वाहनों को हरी झंडी दिखाने के साथ हुई। दूसरे दिन जन आरोग्य मेला आयोजित किया गया, जिसमें हेरिटेज वॉक और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 500 से अधिक स्वास्थ्य शिविर लगाए गए। तीसरे दिन बच्चों की भागीदारी और न्यूट्रास्युटिकल उत्पादों के वितरण पर ध्यान केंद्रित किया गया। चौथे दिन जन औषधि उत्पादों की सामर्थ्य को प्रदर्शित करने के लिए सैनिटरी पैड वितरण में महिलाओं की भागीदारी पर प्रकाश डाला गया। पांचवें दिन 30 शहरों में फार्मासिस्ट जागरूकता सेमिनार आयोजित किए गए। छठे दिन जन औषधि मित्र स्वयंसेवक पंजीकरण अभियान चलाया गया और सातवें दिन जन औषधि दिवस समारोह का समापन हुआ।