18 सितम्बर को पल्स पोलियो का बूथ दिवस, पांच साल तक के बच्चों को पिलाएं दवा
गोरखपुर, जिले में 18 सितम्बर को पल्स पोलियो दिवस मनाया जाएगा जिसमें 2159 बूथ पर पोलियोरोधी दवा पिलाई जाएगी । यह जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने जनपदवासियों से अपील की कि अपने पांच साल तक के बच्चों को यह दवा अवश्य पिलाएं । नजदीकी बूथ की जानकारी के लिए आशा और एएनएम से संपर्क कर सकते हैं । बूथ दिवस के बाद 19 से 23 सितम्बर तक स्वास्थ्य टीम द्वारा घर घर जाकर पोलियो की दवा पिलाई जाएगी । अभियान के दौरान 6.75 लाख बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य है । जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ नन्दलाल कुशवाहा की देखरेख में विभिन्न सहयोगी संस्थाओं के मदद से अभियान चलेगा ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि वर्ष 1998 के बाद पोलियो के मामलों में वैश्विक स्तर पर 99.9 फीसदी से ज्यादा की कमी आई है, लेकिन जब तक विश्व के किसी भी देश में इसका वायरस बचा हुआ है, सभी देशों को सतर्क रहना होगा । पोलियो एक अत्यधिक संक्रामक वायरल रोग है जो पांच साल से कम आयु के बच्चों को प्रभावित करता है। यह मल, मौखिम मार्ग, दूषित पानी, आहार आदि के माध्यम से फैलता है। यह आंत में पनपता है और वहां से तंत्रिका तंत्र में पहुंच कर पक्षाघात उत्पन्न करता है । पोलियो के प्रारंभिक लक्षणों में बुखार, थकान, सिरदर्द, उल्टी, गर्दन की अकड़न और अंगों में दर्द है।
डॉ दूबे ने बताया कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान जैसे देशों में पोलियो के वायरस मौजूद हैं । इजरायल में वर्ष 1989 के बाद वर्ष 2022 में फिर से पोलियो के केस मिले हैं । ऐसे में पोलियो का वैश्विक खतरा पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है । यही वजह है कि भारत सरकार की तरफ से पल्स पोलियो का ड्रॉप निःशुल्क उपलब्ध कराया जाता है । पल्स पोलियो का ड्रॉप जन्म के समय ही दिया जाता है। इसके अलावा छह, दस और चौदह सप्ताह पर भी यह ड्रॉप पिलाया जाता है । इसकी बूस्टर खुराक सोलह से चौबीस महीने की आयु में भी दी जाती है ।
517 पर्यवेक्षक करेंगे निगरानी
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ नन्दलाल कुशवाहा ने बताया कि अभियान का पर्यवेक्षण 517 लोगों द्वारा किया जाएगा । घर-घर भ्रमण के लिए 1494 टीम बनाई गई हैं। 287 ट्रांसिट टीम और 64 मोबाइल टीम भी बनाई गई हैं जो ईंट भट्ठों, घूमंतू लोगों और प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर पोलियों की दवा पिलाएंगी। कुल 8.78 लाख घरों में दवा पिलाने का लक्ष्य है। जिले में 4399 मोहल्ले व गांव अभियान के लिए चिन्हित किये गये हैं ।