देवरिया,20 अप्रैल(वार्ता) उत्तर प्रदेश के देवरिया में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं को आज जिलाधिकारी दिया मित्तल की अगुवाई में अधिकारियों के पैनल ने सफलता के मंत्र बताये।
जिलाधिकारी की पहल पर रविवार को आईएएस एवं पीसीएस की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए एक विशेष मार्गदर्शन सत्र का आयोजन मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के अंतर्गत राजकीय आईटीआई में किया गया,जिसमें विद्यार्थियों को न केवल परीक्षा की रणनीति बल्कि मानसिक संतुलन और आत्मविश्वास बनाए रखने के उपाय भी सुझाए गए।
सत्र के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं होता। सतत परिश्रम, अनुशासन, डेडिकेशन व अभ्यास से बड़ी से बड़ी मंजिल को हासिल किया जा सकता है। सिविल सेवा के माध्यम से समाज व राष्ट्र के लिए योगदान करने का प्रभावी माध्यम प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम जो भी परीक्षा दे रहे हैं उसका पैटर्न व सिलेबस जान लें।आईएएस की परीक्षा में ऑप्शनल विषय वही चुनें जिसमें वास्तविक रुचि हो, क्योंकि रुचिपूर्ण विषय को पढ़ना आसान और टिकाऊ होता है। उन्होंने कहा कि इस मिथक को भी तोड़ा जा सकता है कि सिविल सेवा की तैयारी केवल बड़े शहरों में ही संभव है। आज इंटरनेट क्रांति के बाद छोटे जनपदों में भी सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं, और एकाग्रता के साथ यहां रहकर भी उत्कृष्ट तैयारी की जा सकती है।
सी-सैट को लेकर छात्रों की जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए जिलाधिकारी ने सुझाव दिया कि इसकी तैयारी आसान टॉपिक्स से शुरू करें, प्रश्नों को हल करते समय ऑप्शंस को ध्यान से पढ़ें और सवालों में छिपे कीवर्ड्स को पहचानने की आदत डालें।उन्होंने यह कहा कि हर छात्र को सिलेबस पूरी तरह कंठस्थ होना चाहिए और उससे जुड़े समसामयिक मुद्दों पर गहरी दृष्टि बनाए रखनी चाहिए। दैनिक रूप से एक हिंदी और एक अंग्रेज़ी अखबार पढ़ना जरूरी है। विशेषकर एडिटोरियल पेज, जो विश्लेषणात्मक सोच को विकसित करता है। समाचारों को केवल जानना नहीं, बल्कि यह भी समझना जरूरी है कि कोई घटना क्यों और कैसे घटी।