अवध ही नहीं, संपूर्ण भारत की सांस्कृतिक छठा बिखेरने को तैयार दीपोत्सव
अयोध्या,उत्तर प्रदेश की रामनगरी अयोध्या में दीपावली की पूर्व संध्या पर 23 अक्टूबर को आयोजित छठें दीपोत्सव में इस बार न सिर्फ अवध बल्कि संपूर्ण भारत की सांस्कृतिक विरासत का दीदार कराने की तैयारी की गयी है।
इस साल दीपोत्सव पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खास मेहमान होंगे। राज्य सरकार ने जिला प्रशासन की मदद से भव्य दीपोत्सव की तैयारी पूरी कर ली है। इस अवसर पर सरयू के आसपास उत्तर प्रदेश सहित देश के तमाम राज्याें की संस्कृति की झलक दिखेगी। प्रधानमंत्री मोदी रविवार को दीपावली की पूर्व संध्या पर अयोध्या में पहली बार छठें दीपोत्सव के साक्षी बनेंगे। मुख्य आयोजन की रिहर्सल भी की जा रही है।
इस बार दीपोत्सव में 16 लाख दीप जलाने का लक्ष्य रखा गया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जब से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है तबसे अयोध्या में भव्य और दिव्य दीपोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। हर बार दीपोत्सव में नया कीर्तिमान स्थापित होता है। दीपोत्सव में सरयू नदी के किनारे लाखों दीप एक साथ जल उठेंगे। इस दौरान उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों के कलाकार यहां उपस्थिति दर्ज करायेंगे। इतना ही नहीं रूस के रंगमंच के कलाकार भी इस बार अयोध्या में रामलीला का मंचन करेंगे।
अयोध्या में राम की पैड़ी सहित 37 अन्य घाटों पर डा. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के 22 हजार स्वयंसेवक, 16 लाख दीपों को एक साथ जलाकर विश्व कीर्तिमान बनाने की तैयारी कर रहे हैं। कई लाख दीये नगर क्षेत्र में भी जलाये जायेंगे। दीपोत्सव में आ रहे प्रधानमंत्री मोदी के आगमन के लिये साकेत महाविद्यालय में हेलीपैड बनाया गया है।
अयोध्या में सतरंगी रोशनी बिखेरते करीब दो दर्जन से अधिक द्वार बनाये गये हैं। रामायण के प्रसंगों पर आधारित पेंटिंग भी दीवारों पर उकेरी गयी है। मुख्य आकर्षण का केन्द्र राम की पैड़ी और रामकथा पार्क है। जहां पर विशेष तैयारी की गयी है। रामकथा पार्क को भगवान राम के राज्याभिषेक के लिए राम दरबार की तर्ज पर सजाया गया है। वहीं राम की पैड़ी की भी विश्वस्तरीय सजावट की गयी है। रविवार को 16 लाख दीप जलाकर विश्व रिकार्ड बनाये जाने की गवाह दुनिया बनेगी।
वहीं अयोध्या के अन्य सभी प्रमुख मंदिरों को भी विशेष आकर्षण दिया जा रहा है। अयोध्या के सांसद लल्लू सिंह ने कहा कि इस बार की दीपावली पूरी दुनिया देखेगी और महसूस करेगी, जब भगवान श्रीराम का त्रेता युग में अयोध्यावासियों ने स्वागत किया था। उन्होंने कहा कि अयोध्या इस बार भी भगवान के स्वागत के लिये तैयार हैं।