नयी दिल्ली 21 अप्रैल (वार्ता) केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने खाने के तेल के इस्तेमाल में 10 प्रतिशत तक की कमी लाने और मोटापे के बारे में जागरूकता फैलाने की अपील करते हुए कहा कि फैटी लीवर को रोका जा सकता है तथा स्वस्थ जीवन शैली अपनाकर इसे काफी हद तक ठीक किया जा सकता है।
श्री नड्डा ने सोमवार को यहां आयोजित ‘लीवर स्वास्थ्य शपथ कार्यक्रम’ को संबाेधित करते हुए कहा कि लीवर हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है जो पाचन, डिटॉक्सिफिकेशन और ऊर्जा भंडारण जैसे आवश्यक कार्य करता है। अगर लीवर स्वस्थ नहीं है तो हमारा शरीर कई बीमारियों से प्रभावित होगा। उन्होंने कहा कि फैटी लीवर न केवल लीवर के कार्य को प्रभावित करता है, बल्कि हृदय रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और यहां तक कि कैंसर के जोखिम को भी काफी हद तक बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि फैटी लीवर को रोका जा सकता है और स्वस्थ जीवनशैली और स्वस्थ खान-पान की आदतों को अपनाकर काफी हद तक इसे ठीक किया जा सकता है।
इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव, स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) अतुल गोयल, लिवर और पित्त विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. (डॉ.) एसके सरीन, भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जी. कमला वर्धन राव भी उपस्थिति रहे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने खाना पकाने में तेल के इस्तेमाल को कम से कम 10 प्रतिशत तक कम करने की अपील की थी। यह छोटा लेकिन शक्तिशाली कदम बेहतर लीवर स्वास्थ्य सुनिश्चित करने और देश में गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) के बोझ को कम करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। श्री नड्डा ने सभी से ‘लीवर के स्वास्थ्य का ख्याल रखने, नियमित रूप से इसकी जांच करवाने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने’ का संकल्प लेने का आह्वान किया।
कार्यक्रम के तहत एफएसएसएआई ने एक प्रदर्शनी लगाई जिसमें मिलेट्स और लीवर अनुकूल आहार को प्रदर्शित किया गया, जो इस वर्ष की थीम ‘भोजन ही औषधि है’ के अनुरूप है। मिलेट्स के पोषण मूल्य को दर्शाते हुए, स्टॉल में लीवर के स्वास्थ्य को बनाए रखने में उनके लाभों को प्रदर्शित किया गया।