नयी दिल्ली, 03 जून (वार्ता) उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के अनुसार कॉपीराइट पंजीकरण प्रक्रिया के डिजिटलीकरण के बाद से अब तक 3,50,000 से अधिक कॉपीराइट पंजीकृत किए गए हैं।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने मंगलवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि ये आंकड़े विभिन्न क्षेत्रों के रचनाकारों के बीच कॉपीराइट संरक्षण तंत्र के बारे में जागरूकता और अपनाने में उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाते हैं। टेंट, डिजाइन और ट्रेडमार्क महानियंत्रक कार्यालय के अंतर्गत कॉपीराइट कार्यालय, डीपीआईआईटी के सहयोग से बुधवार को राजधानी में कॉपीराइट अधिनियम, 1957 के अधिनियमन की 68वीं वर्षगांठ मनाने के लिए एक विशेष कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। इस कार्यक्रम का विषय है-‘डिजिटल युग में कॉपीराइट अधिनियम में सुधार।’
कॉपीराइट अधिनियम, 1957, भारत में बौद्धिक संपदा कानून की आधारशिला रहा है, जो रचनाकारों के साहित्यिक, नाटकीय, संगीतमय और कलात्मक कार्यों के साथ-साथ सिनेमैटोग्राफ फिल्मों और ध्वनि रिकॉर्डिंग पर उनके अधिकारों को नियंत्रित करता है। अपने अधिनियमन के बाद से, तकनीकी प्रगति और अंतर्राष्ट्रीय संधियों के साथ तालमेल रखने के लिए अधिनियम में कई संशोधन हुए हैं। मूल रूप से यह व्यवस्था पारंपरिक मीडिया परिदृश्य में रचनाकारों के अधिकारों की रक्षा के लिए तैयार की गयी थी। बाद में इसमें डिजिटल युग सहित विकसित प्रौद्योगिकियों द्वारा उत्पन्न चुनौतियों को देखते हुए नए सुधार किया गए।