उत्तरप्रदेश

बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों के लिए 200 से अधिक नाव तैयार, बाढ़ ग्रस्त चौकियों को रखा गया तैयार- डी एम

गोरखपुर,(दुर्गेस) लगातार हो रहे बरसात से नदियों के जलस्तर को बढ़ते देखकर जिलाधिकारी कृष्ण करुणेश ने जनपद के समस्त संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि अपने अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए अपने अपने क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए सदैव तैयार रहें अगर जनपद में बाढ़ आती है तो जनपद में 200 नाव को तैयार रखा गया है बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में तत्काल ग्राम वासियों के लिए नाव को भेजा जाएगा वैसे तो इस साल बरसात अधिक नहीं हुआ लेकिन बेमौसम बरसात रिकार्ड तोड़ रहा है पिछले बरसात में शहर में पूरा पानी ही पानी दिखाई दे रहा था पानी निकलने की कोई समुचित व्यवस्था नहीं था लेकिन इस बार बरसात मूसलाधार होने के बाद भी किसी भी मोहल्ले में पानी नहीं लगा तत्काल मोहल्लों का पानी खाली हो जा रहा। केन्द्रीय जल आयोग एवं मुख्य अभियंता, गण्डक कार्यक्षेत्र गोरखपुर द्वारा प्राप्त नदी जलस्तर रिपोर्ट के अनुसार जनपद की प्रमुख नदी राप्ती जो कि जगभग 134 किमी0 लम्बी है और तहसील खजनी को छोड़ शेष समस्त 06 तहसीलों को प्रभावित करती है के जलस्तर में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है। राप्ती नदी के खतरे का बिन्दु 74.98 आर.एम.एल. है जिसके सापेक्ष आज प्रातः 8 बजे नदी जलस्तर 74.06 आर.एम.एल. प्राप्त हुआ है। केन्द्रीय जल आयोग फोरकास्ट स्टेशन के अनुसार दिनांक 8 अक्टूबर 2022 को नदी अपने खतरे के बिन्दु को पार कर 75.10 आर.एम.एल. तक पहुचने की सम्भावना है साथ ही राप्ती की सहायक नदियां रोहिन, जिसके खतरे का बिन्दु 82.44 आर.एम.एल. है के सापेक्ष 83.44 आर.एम.एल. पर बह रही है। जबकि सरयू (घाघरा) नदी अयोध्या एवं तुर्तीपार पर अपने चेतावनी स्तर से ऊपर क्रमशः 92.73 आर.एम.एल. के सापेक्ष 91.85 आर.एम.एल. व 64.01 आर.एम.एल. के सापेक्ष 63.34 आर.एम.एल. पर बह रही है।
उक्त जानकारी देते हुए अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया है कि उपरोक्त के दृष्टिगत जनपद में आई.आर.एस. को लागू को करते हुए निर्देशित किया जाता है कि समस्त बाढ़ चौकियों को तत्काल प्रभाव से 24ग7 क्रियाशील रखें तथा राजस्व, सिचाई एवं पुलिस कर संयुक्त टीम भ्रमणशील रहते हुए तटबंधों की सतत निगरानी करे। तहसील एवं सम्बंधित विभाग स्तर पर ई0ओ0सी0 संचालित किये जाये और जनपद ई0ओ0सी0 से लगातार सम्पर्क बनाये रखें। स्वास्थ्य, पशु पालन, पंचायती राज एवं लोक निर्माण विभाग की रैपिड रेस्पांस टीम को क्रियाशील रखें और आवश्यकता पड़ने पर समुचित कार्यवाही सुनिश्चित करे। उक्त कार्य में यदि किसी भी प्रकार की लापरवाही या शिथिलता पायी जाती है तो सम्बंधित व्यक्ति के विरूद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की धारा-51 से 60 के अन्तर्गत कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।

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