उत्तरप्रदेश

जिले में खोजे गये 12000 से अधिक स्वस्थ बालक-बालिकाएं

गोरखपुर, जिले के 4172 आंगनबाड़ी केंद्रों पर स्वस्थ बालक-बालिका प्रतिस्पर्धा का आयोजन कर 12000 से अधिक ऐसे बच्चों को चयनित किया गया है जो स्वास्थ्य और पोषण के मानकों पर पूरी तरह फिट हैं । केंद्रों पर मनाये गये इस कार्यक्रम में पांच वर्ष तक की उम्र के तीन लाख से अधिक बच्चों ने प्रतिभाग किया । जो स्वस्थ बालक और बालिकाएं चयनित हुए हैं उन्हें और उनकी माताओं एवं विशेष परिस्थिति में अन्य अभिभावक को प्रशस्ति पत्र देकर गांधी जयंती के दिन सम्मानित किया जाएगा । शासन के दिशा-निर्देश पर यह पहल कुपोषित बच्चों के अभिभावकों को सुपोषण का संदेश देने के लिए की गयी है ।

जिला कार्यक्रम अधिकारी हेमंत सिंह महानगर के शिवपुर सहबाजगंज आंगनबाड़ी केंद्र पर प्रतियोगिता का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि मासिक वृद्धि निगरानी, व्यक्तिगत स्वच्छता, लंबाई, ऊंचाई व वजन के सापेक्ष पोषण की स्थिति, उनके आहार की स्थिति, आयु आधारित टीकाकरण और डिवार्मिंग के मानकों पर 50 अंकों में बच्चों का मूल्यांकन किया गया है। उत्तीर्ण बच्चों व उनकी माता को पुरस्कृत किया जाएगा। प्रतियोगिता में शामिल बच्चों की स्थिति पोषण ट्रैकर एप पर दर्ज की जा रही है। इससे सतत निगरानी में मदद मिलेगी।

श्री सिंह ने बताया कि प्रतिस्पर्धा के जरिये समुदाय को यह संदेश दिया गया कि जन्म से छह माह तक बच्चे को सिर्फ स्तनपान करवाना चाहिए । छह माह से तीन वर्ष तक प्राप्त होने वाले अनुपूरक पुष्टाहार का नियमित सेवन करना है । तीन से पांच वर्ष तक के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र पर उपस्थित होना है और अनुपूरक पुष्टाहार का सेवन जारी रखना है । बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए कीड़े मारने की दवा का सेवन करना है। पांच साल की उम्र तक बच्चों को पांच साल में सात बार नियमित टीकाकरण करवा कर 12 प्रकार की बीमारियों से बचाना है । बच्चों को हाथों की स्वच्छता एवं नाखून काटने के बारे में जागरूक करना है। स्वास्थ्य एवं पोषण के इन नियमों का ख्याल रखने वाले अभिभावक और उनके बच्चे की सम्मान पाएंगे।

एमसीपी कार्ड के साथ पहुंचे अभिभावक

शिवपुर सहबाजगंज आंगनबाड़ी केंद्र पर पहुंची मुख्य सेविका मोहित सक्सेना ने बताया कि पूरा आयोजन शहरी बाल विकास परियोजना अधिकारी महेंद्र कुमार चौधरी के दिशा-निर्देशन में किया गया । छोटे बच्चों के वजन के लिए अलग और बड़े बच्चों के वजन के लिए अलग व्यवस्था की गयी थी। केंद्र पर 60 बच्चों का छह मानकों के आधार पर मूल्यांकन किया गया । अभिभावक एमसीपी कार्ड के साथ बुलाए गये थे, ताकि नियमित टीकाकरण की स्थिति की जानकारी मिल सके। कुल छह बच्चों को पुरस्कार के लिए चुना गया है । कार्यक्रम में परियोजना कार्यालय के रजनीश, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुमन यादव, मंजू देवी, सहायिका सीमा सिंह और शांति देवी ने विशेष सहयोग किया ।

रंजना की समझदारी से आरूही बनी विजेता

शिवपुर सहबाजगंज की रहने वाली रंजना मिश्रा (27) की चार साल की बेटी आरूही मिश्रा को स्वस्थ बालक-बालिका स्पर्धा में प्रथम स्थान मिला। बेटी का वजन 15.700 किलो निकला और ऊंचाई भी 115 सेमी है । बच्ची के नाखून कटे हुए थे और साफ-सफाई की स्थिति भी ठीक थी। रंजना बताती हैं कि आरूही उनकी इकलौती बेटी है। जब वह पेट में थी तभी से आंगनबाड़ी केंद्र की सेवाएं ले रही हैं। उन्होंने प्रसव पूर्व जांच करवाया और गर्भावस्था में पौष्टिक आहार का सेवन किया। दलिया, दूध, फल, हरी साग सब्जियों का सेवन उनके द्वारा किया गया । जब बच्ची पैदा हुई तो उसे स्तनपान करवाया और छह माह तक सिर्फ स्तनपान करवाया। छह माह बाद पतली दाल और फिर पूरक आहार दिया । नियमित टीकाकरण भी करवाती हैं। केंद्र से मिलने वाले अनुपूरक आहार को भी देती हैं । इन सभी प्रयासों से उनकी बच्ची स्वस्थ है।

Chauri Chaura Times

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