Tuesday, March 18, 2025

Top 5 This Week

Related Posts

भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में नीत नई उंचाईयों को छू रहा: मोदी

नयी दिल्ली 23 फरवरी (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले महीने देश भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सौवें राकेट लांच का साक्ष्य बना है जो केवल एक नंबर नहीं है बल्कि अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में नीत नई उंचाईयों को छूने के हमारे संकल्प का पता चलता है।

श्री मोदी ने अपने ‘मन की बात’ मासिक कार्यक्रम में आज कहा कि पिछले महीने देश इसरो के सौवें राकेट लांच का साक्ष्य बना है जो केवल एक नंबर नहीं है बल्कि स्पेस विज्ञान के क्षेत्र में नीत नई उंचाईयों को छूने के हमारे संकल्प का भी पता चलता है। हमारे स्पेस जर्नी की शुरुआत बहुत ही सामान्य तरीके से हुई थी। इसमें कदम कदम पर चुनौतियां थी लेकिन हमारे वैज्ञानिक विजय प्राप्त करते हुए आगे बढते ही गये। समय के साथ अंतरिक्ष की इस उड़ान में हमारी सफलता की सूची लंबी होती चली गई।

उन्होंने कहा कि लांच व्हीकल का निर्माण हो, चंद्रयान की सफलता हो, मंगलयान हो, आदित्य एल-1 या फिर एक ही राकेट से एक ही बार में 104 सेटेलाइट को अंतरिक्ष भेजने का अभूतपूर्व मिशन हो। इसरो की सफलता का दायरा काफी बड़ा रहा है। बीते दस सालों में ही करीब 460 सेटेलाइट लांच की गई है और इसमें दूसरे देशों की भी बहुत सारी सेटेलाइट शामिल है।

उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों की एक बड़ी बात ये भी रही है कि अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की हमारी टीम में नारी-शक्ति की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। मुझे यह देखकर भी बहुत खुशी होती है कि आज अंतरिक्ष क्षेत्र हमारे युवाओं के लिए बहुत पसंदीदा बन गया है। कुछ साल पहले तक किसने सोचा होगा कि इस क्षेत्र में स्टार्ट अप और निजी क्षेत्र की अंतरिक्ष कंपनियों की संख्या सैकड़ों में हो जाएगी। हमारे जो युवा जीवन में कुछ थ्रिलिंग और रोमांचक करना चाहते हैं उनके लिए अंतरिक्ष क्षेत्र एक बेहतरीन विकल्प बन रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले कुछ ही दिनों में हम ‘राष्ट्रीय विज्ञान दिवस’ मनाने जा रहे हैं। हमारे बच्चों का, युवाओं का विज्ञान में रुचि और जुनून होना बहुत मायने रखता है। इसे लेकर मेरे पास एक आडिया है जिसे आप ‘वन डे एज ए साइंटिस्ट’ कह सकते हैं यानि आप अपना एक दिन एक वैज्ञानिक के रूप में बिताकर देखें। आप अपनी सुविधा के अनुसार, अपनी मर्जी के अनुसार, कोई भी दिन चुन सकते हैं। उस दिन आप किसी शोध प्रयोगशाला, तारामंडल या फिर अंतरिक्ष केंद्र जैसी जगहों पर जरूर जाएँ। इससे विज्ञान को लेकर आपकी जिज्ञासा और बढ़ेगी।

उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष और विज्ञान की तरह एक और क्षेत्र है जिसमें भारत तेजी से अपनी मजबूत पहचान बना रहा है – ये क्षेत्र है एआई यानि ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस। हाल ही में मैं एआई के एक बड़े सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पेरिस गया था। वहाँ दुनिया ने इस क्षेत्र में भारत की प्रगति की खूब सराहना की। हमारे देश के लोग आज एआई का उपयोग किस-किस तरह से कर रहे हैं, इसके उदाहरण भी हमें देखने को मिल रहे हैं। अब जैसे तेलंगाना में आदिलाबाद के सरकारी स्कूल के एक टीचर थोडासम कैलाश हैं। उन्होंने एआई टूल्स की मदद से कोलामी भाषा में गाना लिखकर कमाल कर दिया है। वे एआई का उपयोग कोलामी के अलावा भी कई और भाषाओं में गीत तैयार करने के लिए कर रहे हैं। अंतरिक्ष क्षेत्र हो या फिर एआई, हमारे युवाओं की बढ़ती भागीदारी एक नई क्रांति को जन्म दे रही है। नई-नई तकनीक को अपनाने और आजमाने में भारत के लोग किसी से पीछे नहीं हैं।

Universal Reporter

Popular Articles