Tuesday, May 13, 2025

Top 5 This Week

Related Posts

देश के विभिन्न शहरों में आयोजित हुआ मॉकड्रिल, कई जगह ब्लैक आउट

नयी दिल्ली 07 मई (वार्ता) पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच लोगों को हवाई हमलाें की स्थिति में राहत और बचाव के प्रति जागरुक करने और प्रशिक्षित करने के लिये केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा विभिन्न राज्यों को भेजे गये निर्देश के अनुसार बुधवार को देश के विभिन्न शहरों में सिविल डिफेंस के तहत मॉकड्रिल (अभ्यास) आयोजित किये गये।

आज शाम को 244 जिलों में ब्लैक आउट का भी अभ्यास किया गया। इस दौरान सिविल डिफेंस, पुलिस होमगार्ड और अन्य सरकारी एजेंसियों के लोग अभ्यास में शामिल थे।

राजधानी में डॉ राम मनोहर लोहिया अस्पताल, मयूर विहार और खान मार्केट सहित दिन में हवाई हमले के सायरन के आवाज के साथ लोगों को बचाव और राहत के उपायों का प्रशिक्षण कराया गया। शाम को आठ से सवा आठ बजे के बीच नार्थ ब्लॉक,साउथ ब्लॉक, राष्ट्रपति भवन सहित राजधानी के तमाम इलाके में बत्तियां बुझा दी गयीं और कुछ देर के लिये राजधानी अंधेरे की चादर में लिपट गयी।

राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) ग्रुप मुख्यालय जालंधर के तत्वावधान में छह एनसीसी बटालियनों के विभिन्न 250 शिक्षण संस्थानों ने सिविल डिफेन्स माॅक ड्रिल का अभ्यास किया। बिग्रेडियर अजय तिवारी सेना मेडल ग्रुप कमांडर ने बुधवार को बताया होशियारपुर, कपूरथला, फगवाड़ा और जालन्धर की तीन बटालियनों के कालेजों और स्कूलों में आठ हजार एनसीसी कैडेटों और छात्र/ छात्राओं ने सिविल डिफेन्स माॅक ड्रिल का अभ्यास कराया गया। सेना के प्रशिक्षकों और शिक्षकों ने शिक्षण संस्थानों में लेक्चर, डेमो और युद्र के समय हवाई हमले से बचने के तरीके कैडेटों और छात्रों को सिखाये।

ब्रिगेडियर तिवारी से बताया कि क्लास या घर अन्दर, बाजार, खेल के मैदान और खुले मैदान में सिविल डिफेन्स के विभिन्न तरीके सिखाये गये। नागरिकों के घायल होने पर फर्स्ट एंड और और घायलों की निकासी के तरीके भी सिखाये गये हैं। कैडेटों और छात्रों को ब्लैक आउट में कार्रवाई भी सिखाई गयी। एक घंटे का ब्लैक आउट कल रात्रि जालन्धर कैंट में कराया जो आज भी रात आठ बजे से रात नौ बजे तक जालन्धर और अन्य जिलों में कराया जायेगा। आग के प्रकार और आग बुझाने के तरीके कैडेटों और छात्रों को सिखाये गये।

ब्रिगेडियेर अजय ने बताया कि राष्ट्र के 300 जिलों में सिविल डिफेन्स माॅक ड्रिल का अभ्यास कराया गया है और सभी नागरिकों को हवाई हमले और न्यूक्लियर बायोलॉजिकल और केमिकल वारफेयर में बचाव के तरीके कैडेटों और छात्रों को सिखाये गये। ग्रुप कमांडर ने सोशल मीडिया में निगेटिव खबरों और विडियों से बचने के बारे में बताया। केवल सरकारी चैनलों और एजेन्सियों से दी गयी, जानकारी और सूचनाओं पर ही भरोसा करना है। कैडेटों और छात्रों को युद्धाभ्यास और सिविल डिफेन्स की जानकारी बहुत महत्वपूर्ण हैं और कई कैडेट जीवन में पहली बार सीख रहे हैं।

पहलगाम में आतंकवादी हमला और आज के ऑपरेशन सिंदूर के बीच बनीं स्थितियों के मद्देनजर आज देशव्यापी सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल के तहत मध्यप्रदेश के पांच जिलों में शाम को मॉक ड्रिल किया गया। इस दौरान आपात स्थिति में नागरिकों को सुरक्षित बचाने का अभ्यास किया गया।

राजधानी भोपाल के अलावा इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और कटनी जिलों में मॉक ड्रिल किया गया। इसमें प्रशासनिक अमले के साथ ही स्वैच्छिक संगठनों की भागीदारी सुनिश्चित की गयी। इस दौरान यह प्रदर्शित किया गया कि युद्ध के दौरान निर्मित हालातों में किस तरह नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है। इसका एक मुख्य उद्देश्य नागरिकों को मानसिक रूप से तैयार करना भी रहा।

प्रशासन का कहना है कि नागरिक सुरक्षा एवं आपदा प्रबंधन राष्ट्र का महत्वपूर्ण विषय एवं जिम्मेदारी है, फलस्वरुप नागरिकों की सुरक्षा के लिये सिविल डिफेंस अधिनियम 1968 एवं अन्य नियमों में नागरिक सुरक्षा करने के प्रावधान किये गये हैं। नागरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्रीय गृह मंत्रालय की है, जो समय-समय पर राज्यों को आवश्यक निर्देश देती है

कि राज्य सरकारें नागरिक सुरक्षा योजनायें बनायें, योजनाओं की समय-समय पर समीक्षा करें और आवश्यकता पड़ने पर संशोधन करें।

नागरिक सुरक्षा योजनाओं का अभ्यास करने के लिये केन्द्र सरकार के निर्देश के अनुरूप पांच जिलों ग्वालियर, भोपाल, इन्दौर, जबलपुर एवं कटनी में यह अभ्यास किया गया।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर बुधवार को उत्तराखंड के देहरादून जनपद में नागरिकों की सुरक्षा के दृष्टिगत आयोजित सिविल डिफेंस ‘मॉक ड्रिल’ की निगरानी राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (यूएसडीएमए) स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र तथा जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र से की गयी।

गृह विभाग के सचिव शैलेश बगौली, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दीपम सेठ तथा सचिव, आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास, विनोद कुमार सुमन ने से मॉक ड्रिल की मॉनीटरिंग की।

बुधवार को जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र, देहरादून से जिलाधिकारी सविन बंसल और आईआरएस तंत्र के अंतर्गत, उनकी पूरी टीम यूएसडीएमए से वर्चुअली जुड़ी रही। सायरन बजने के निर्धारित समय से पूर्व सचिव, गृह, शैलेश बगौली तथा डीजीपी श्री सेठ राज्य यूएसडीएमए पहुंचे। इस दौरान, वहां से घटना स्थलों, स्टेजिंग एरिया, इंसीडेंट कमांड पोस्ट तथा रिलीफ सेंटरों को भी जोड़ा गया।

श्री बगौली ने मॉक ड्रिल के दौरान, विभिन्न घटनाओं के बारे में जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र में उपस्थित जिलाधिकारी श्री बंसल से विस्तारपूर्वक जानकारी ली। उन्होंने पूछा कि किस प्रकार घटना की सूचना प्राप्त होने पर फोर्सेज को रवाना किया गया, किन-किन टीमों को भेजा गया, शेल्टर कहां बनाये गये तथा उनकी क्षमता क्या है, स्टेजिंग एरिया में क्या-क्या व्यवस्थाएं हैं तथा कौन-कौन से संसाधन हैं, आईआरएस को कैसे एक्टिवेट किया गया।

श्री बगौली ने इंसिडेंट कमाण्ड पोस्ट की व्यवस्थाओं के बारे में भी उन्होंने विस्तार से पूछा। इस दौरान, उन्होंने आईआरएस यानी घटना प्रतिक्रिया प्रणाली के तहत किस अधिकारी की तथा किस विभाग की क्या जिम्मेदारी है, इसके बारे में भी संबंधित अधिकारियों से ही जानकारी ली। उन्होंने कहा कि आईआरएस एक सशक्त प्रणाली है, जिसके माध्यम से आपदाओं का प्रभावी तरीके से सामना किया जा सकता है, इसलिए यह आवश्यक है कि राज्य स्तर से लेकर जनपद स्तर तथा तहसील स्तर तक आईआरएस के तहत किस विभाग की तथा किस अधिकारी की क्या भूमिका है, इसकी जानकारी सभी को होनी चाहिए।

डीजीपी दीपम सेठ ने इस दौरान, फील्ड पर मौजूद अधिकारियों से रिजर्व संसाधनों तथा उपकरणों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि जब भी एंबुलेंस, राहत और बचाव दलों के वाहनों का मूवमेंट हो, उस समय ट्रैफिक की सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग के सचिव विनोद कुमार सुमन ने निर्देश दिए कि मॉक अभ्यास के दौरान, जो भी गैप्स तथा लूपहोल्स रहे हैं, उनको चिह्नित किया जाए तथा डी ब्रीफिंग कर उनके बारे में चर्चा कर, एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि यह कोशिश की जाएगी कि भविष्य में होने वाले मॉक अभ्यासों में इन्हें दूर किया जा सके।

इस दौरान, यूएसडीएमए से यह भी लगातार सुनिश्चित किया जाता रहा कि घटना स्थल के लिए जिन भी संसाधनों, उपकरणों अथवा सहायता की मांग की जा रही है, वह समय पर पहुंच रही हैं अथवा नहीं।

बैठक में, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, प्रशासन, आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, क्रियान्वयन, डीआईजी, राजकुमार नेगी, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद ओबेदुल्लाह अंसारी, यूएलएमएमसी के निदेशक शांतनु सरकार, मनीष कुमार भगत, रोहित कुमार, डॉ. वेदिका पन्त, डॉ. पूजा राणा, हेमंत बिष्ट, तंद्रिला सरकार आदि

मौजूद थे। इस कड़ी में देश के 244 जिलों में कुछ देर के लिए ब्लॉकआउट किया गया।

Universal Reporter

Popular Articles