गोरखपुर (दुर्गेश मिश्र)। युद्ध जैसी आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए भगवती प्रसाद कन्या इंटर कॉलेज, गोरखपुर में मंगलवार को मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। नागरिक सुरक्षा विभाग और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस अभ्यास का उद्देश्य छात्राओं एवं स्टाफ को हवाई हमले अथवा अन्य आपदाओं की स्थिति में सुरक्षित रहने के उपायों की जानकारी देना था।मॉक ड्रिल के दौरान ‘एयर रेड सायरन’ बजाया गया, जिसके बाद छात्राओं को तय प्रक्रिया के अनुसार सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। सभी लाइटें बंद कर ब्लैकआउट की स्थिति तैयार की गई। स्वयंसेवकों ने छात्राओं को शीशों से दूर रहने, ज़मीन पर लेटने और अफवाहों से बचने जैसे जरूरी उपाय बताए।जिला प्रशासन की ओर से भेजे गए अधिकारी और नागरिक सुरक्षा के स्वयंसेवकों ने प्राथमिक चिकित्सा, जरूरी वस्तुएं संकलन, सुरक्षित शरण स्थल की पहचान और आपातकालीन संपर्क की जानकारी भी साझा की।कॉलेज की प्रधानाचार्या श्रीमती रीना सिंह ने बताया कि इस तरह के अभ्यास समय-समय पर होते रहने चाहिए ताकि छात्राएं मानसिक रूप से सजग रहें और किसी भी संकट की घड़ी में घबराएं नहीं, बल्कि शांतिपूर्वक सुरक्षा निर्देशों का पालन करें। विद्यालय की प्रवक्ता शुभम तिवारी ने बताया कि, हवाई हमले से बचाव की चेकलिस्ट में कौन-कौन सी वस्तुएं, अपने पास सुरक्षित रखनी चाहिए इसकी जानकारी बच्चों को दी गई. बच्चों को बताया गया कि किसी अफवाह पर विश्वास ना करें, केवल अधिकारिक सूचना पर ध्यान दे. मोबाइल या रेडियो पर सरकारी अलर्ट को सुने, अपने घर में मजबूत बिना खिड़की वाला कमरा तैयार रखें.अगर आप रास्ते में हो तो जल्दी से जल्दी शरण स्थल पर पहुंचने का प्रयास करें. जरूरी वस्तुएं जैसे पीने का पानी, सूखा भोजन,ड्राई फ्रूट्स अपने पास रखे. प्राथमिक चिकित्सा किट्स, टार्च एक्स्ट्रा सेल,पोर्टेबल रेडियो, दस्तावेज जैसे वस्तुए अपने पास रखें, खिडकियों को मोटे पर्दे से कवर कर के रखे.इस अवसर पर बड़ी संख्या में छात्राएं, शिक्षिकाओं में सुरभि त्रिपाठी, पुनीता देवी, उमा देवी,नीता मल्ल, माया सिंह,अनीता श्रीवास्तव,नमिता श्रीवास्तव, अर्चना श्रीवास्तव,आशा गुप्ता,मोनिका वर्मा और स्वयंसेवक उपस्थित रहे। कार्यक्रम के समापन पर नागरिक सुरक्षा अधिकारियों द्वारा प्रदान की गई छात्राओं को ‘एयर रेड अलर्ट’ और ‘ब्लैकआउट प्रोटोकॉल’ की जानकारी बच्चों को दी गई. वितरित की।यह मॉक ड्रिल छात्रों की सुरक्षा के लिए एक अहम कदम साबित हुआ।