Tuesday, March 18, 2025

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ऋतु परिवर्तन के साथ चंबल घाटी से प्रवासी पक्षियों का पलायन शुरु

इटावा , 01 मार्च (वार्ता) प्रवासी पक्षियों के सबसे बड़े आशियाने के रूप में दुनिया भर में लोकप्रिय राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी में ऋतु परिवर्तन का व्यापक असर देखने को मिल रहा है और चंबल घाटी से प्रवासी पक्षी समय से पहले पलायन करने लगे हैं।
चंबल सेंचुरी के इटावा स्थित रेंज अफसर के.के.त्यागी ने शनिवार को बताया कि दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन का असर व्यापक रूप से देखा जा रहा है उसकी जद में प्रवासी पक्षियों के सबसे बड़े आशियाने के रूप में पहचाने जाने वाला राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी का इलाका भी आया है, जहां प्रवासी पक्षी समय से पहले करीब करीब गायब हो गए हैं। प्रवासी पक्षियों के चंबल सेंचुरी से गायब होने के पीछे ऐसा माना जा रहा है कि तापमान में व्यापक इजाफे ने उनको राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी इलाके से पलायन को मजबूर किया है।
चंबल घाटी में तापमान में व्यापक इजाफे के चलते प्रवासी पक्षी समय से पहले पलायन हुए हैं,इसको लेकर पर्यावरण प्रेमियों में खासी चिंता देखी जा रही है। सर्दियों के मौसम में हमेशा गुलजार रहने वाली चंबल घाटी में इस दफा मौसमी असंतुलन के चलते प्रवासी पक्षियों की तादात में 50 फीसदी के आसपास गिरावट देखी गई थी,जो बढ़ते तापमान के कारण दूसरी स्थिति की ओर इशारा कर रही है।
चंबल घाटी में जैव विविधता सर्वेक्षण कर रही पर्यावरण संस्था सोसायटी फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर के महासचिव डॉ.राजीव चौहान ने बताया कि मौसम के असंतुलन का यह असर देखा जा रहा है कि जहां कभी चंबल घाटी में बड़ी तादाद में प्रवासी पक्षियों का आना हुआ करता था लेकिन इस दफा प्रवासी पक्षियों की संख्या में बड़ी तादात में गिरावट देखी गई है। बदली हुई सूरत में बढ़ता तापमान समय से पहले प्रवासी पक्षियों के पलायन का मुख्य कारण बन गया है।
उन्होंने बताया कि फरवरी माह में ही सामान्य तापमान 25 से लेकर 28 डिग्री तक पहुंच गया जो प्रवासी पक्षियों के लिए प्रतिकूल माना जाता है जिस कारण प्रवासी पक्षियों ने चम्बल घाटी से दूरी बनाना शुरू कर दिया। चिंता इस बात की है कि भविष्य में प्रवासी पक्षी चंबल घाटी में नजर नजर ही आना बंद ना हो जाए। चम्बल सेंचुरी में अफगानिस्तान, पाकिस्तान, श्रीलंका तथा म्यांमार से विदेशी पक्षी आते है।
425 किलोमीटर क्षेत्रफल में पसरी इस सेंचुरी में हवासीर (पेलिकन), राजहंस (फ्लेमिंगो), समन (बार हेडेड गीज) जैसे विदेशी पक्षी मार्च तक जाते रहे है लेकिन अबकी दफा तापमान के उतार चढ़ाव से इन पक्षियों की संख्या में ना केवल बड़ी गिरावट देखी जा रही है बल्कि समय से पहले पलायन चंबल की खूबसूरती को दागदार भी कर रही है।
स्थानीय वासी रामकेश यादव का ऐसा कहना है कि तापमान में हुए इजाफे ने प्रवासी पक्षियों पर बुरा असर डाला है जो प्रवासी पक्षी मार्च माह तक चंबल में भ्रमणशील रहा करते थे वह फरवरी माह में ही यहां से पलायन करना शुरू कर चुके हैं।

Universal Reporter

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