नई दिल्ली, 15 अप्रैल (वार्ता) देश की सबसे बड़ी लग्जरी कार निर्माता कंपनी मर्सिडीज-बेंज ने चाकन संयंत्र से अपनी दो लाखवीं ‘मेड इन इंडिया’ कार को सफलतापूर्वक रोल-आउट किया। यह ऐतिहासिक कार एक इलेक्ट्रिक लग्जरी स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) ईक्यूएस थी।
इस मौके पर मर्सिडीज-बेंज ग्रुप एजी के बोर्ड सदस्य डॉ. जॉर्ग बुर्जर, मर्सिडीज-बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) संतोष अय्यर और परिचालन प्रमुख व्यंकटेश कुलकर्णी भी मौजूद रहे।
मर्सिडीज-बेंज इंडिया की विनिर्माण यात्रा 1995 में शुरू हुई थी। कंपनी ने पहले 19 वर्षों (1995-2014) में 50 हजार कारें बनाई थीं, लेकिन अगले सिर्फ 10 सालों (2015-2025) में यह आंकड़ा 1.5 लाख इकाई तक पहुंच गया। पिछले दो वर्षों में ही कंपनी ने रिकॉर्ड 50 हजार कारों का निर्माण किया है, जो भारत में लग्जरी कारों की बढ़ती मांग और ब्रांड की लोकप्रियता को दर्शाता है।
भारत ही नहीं वर्ष 2015 में यह संयंत्र जर्मनी के बाहर पहली बार मर्सिडीज-मेबैक एस500 बनाने वाला केंद्र बना। वर्ष 2022 में मर्सिडीज-बेंज इंडिया ने स्थानीय रूप से ईक्यूएस 580 इलेक्ट्रिक सेडान का निर्माण शुरू किया। अब कंपनी ईक्यूएस एसयूवी का भी स्थानीय उत्पादन कर रही है, जो इसे भारत में दूसरी ईवी का स्थानीय उत्पादक बनाती है।
मर्सिडीज-बेंज का यह संयंत्र वर्ष 2022 से पूरी तरह से हरित ऊर्जा से संचालित हो रहा है, जो कंपनी की टिकाऊ उत्पादन की दिशा में बड़ी पहल है। मर्सिडीज-बेंज इंडिया के पास आज 11 ‘मेड इन इंडिया’ लग्जरी मॉडल का विस्तृत पोर्टफोलियो है। कंपनी ने अब तक भारत में 3,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जिसमें 2024 के लिए 200 करोड़ रुपये का ताज़ा निवेश भी शामिल है। 50 से अधिक शहरों में 100 से अधिक टचपॉइंट के साथ मर्सिडीज-बेंज देश की सबसे बड़ी लक्जरी कार रिटेल नेटवर्क चलाती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि उनके ग्राहकों को हर जगह एक मानकीकृत लक्जरी अनुभव मिले।
कंपनी की यह उपलब्धि उसके ‘मेड इन इंडिया, फॉर इंडिया’ विज़न को मजबूत करती है, जो भारत के ग्राहकों की ज़रूरतों को ध्यान में रखकर वैश्विक गुणवत्ता प्रदान करने पर केंद्रित है।