नयी दिल्ली 24 मार्च (वार्ता) अपनी वीरता और बहादुरी के लिए जानी जाने वाली सेना की दो सौ वर्ष पुरानी राजपूत रेजिमेंट की 5वीं बटालियन की 200वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक स्मारक डाक टिकट का अनावरण किया गया है। सेना ने सोमवार को यहां बताया कि पूर्व सेना प्रमुख और मिजोरम के राज्यपाल जनरल विजय कुमार सिंह ने शनिवार को यहां दिल्ली छावनी में इस स्मारक डाक टिकट का अनावरण किया।
वर्ष 1825 में कानपुर में गठित 5वीं बटालियन सेना की उन कुछ इकाइयों में से है, जिसने दो शताब्दियों तक लगातार सेवा की है। आजादी से पहले और बाद में सक्रिय अभियानों में भाग लेने के बाद इस प्रतिष्ठित बटालियन को राष्ट्र के प्रति अनुकरणीय समर्पण के लिए हाल के दिनों में लगातार चार प्रशस्ति पत्रों से सम्मानित किया गया है।
द्विशताब्दी समारोह के हिस्से के रूप में कई औपचारिक और आउटरीच गतिविधियां आयोजित की गईं। इस कार्यक्रम में पूर्व सैनिक, सेवारत अधिकारी और एडीजी एपीएस के प्रतिनिधि एक साथ आए- जो बटालियन की स्थायी विरासत और इसकी दुर्जेय प्रतिष्ठा का आधार है। करिअप्पा परेड ग्राउंड में आयोजित समारोह में पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल एमके कटियार ने 5वीं बटालियन को नए ध्वज प्रदान किए। ये नए ध्वज बटालियन के पास पहले से मौजूद ध्वजों की प्रतिकृति हैं और दो शताब्दियों से “प्रचंड पांच” को परिभाषित करने वाली समृद्ध विरासत और बहादुरी की अटूट परंपरा का प्रतीक हैं। समारोह के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल कटियार ने बटालियन के पूर्व सैनिकों से बातचीत भी की।