गोरखपुर। जिले में संचारी रोग नियंत्रण अभियान का मंगलवार से आगाज हो गया। महापौर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव ने जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखा कर इस अभियान का शुभारंभ किया। एक माह तक चलने वाले इस अभियान के दौरान ग्यारह विभाग आपस में मिल कर संचारी रोगों की रोकथाम संबंधी गतिविधियों करेंगे। वहीं, दस अप्रैल से तीस अप्रैल तक स्वास्थ्य टीमें घर घर जाकर दस्तक देंगी और बीमारियों के प्रति जागरूकता के साथ साथ बुखार, टीबी, कुष्ठ, फाइलेरिया आदि के संभावित मरीजों को सूचीबद्ध करेंगी। जिले में हर साल चल रहे इस अभियान के कारण वर्ष दो हजार इक्कीस से लेकर अब तक जापानीज इंसेफेलाइटिस से कोई भी मौत नहीं हुई है।
महापौर ने उपस्थित चिकित्सा अधिकारियों, नर्सिंग स्टॉफ और अन्य कर्मियों को संचारी रोगों से लड़ने में योगदान देने की शपथ भी दिलाई। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि शासन की मंशा के अनुरूप पूरे जिले में एक माह तक संचारी रोगों से बचाव की गतिविधियां चलाई जाएंगी। साथ ही बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक करते हुए संभावित मरीजों को ढूंढा जाएगा। उनकी जांच होगी और बीमारियों का इलाज भी किया जाएगा। एक माह के अभियान में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, नगर विकास, पंचायती राज व ग्राम्य विकास, पशुपालन, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार, शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा, दिव्यांगजन सशक्तिकरण, कृषि एवं सिंचाई, सूचना और उद्यान विभाग संचारी रोगों के नियंत्रण की गतिविधियां चलाएंगे।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एके चौधरी ने बताया कि अभियान के दौरान आभा आईडी भी बनाई जाएगी। हीट रिलेटेड इलनेस के बारे में जागरूकता लाई जाएगी और मच्छरों के घनत्व का पता लगा कर प्रभावी नियंत्रण के उपाय किये जाएंगे। नाले नालियों की सफाई, स्कूलों में जागरूकता, झाड़ियों की सफाई, चूहा व छछुंदर और सुकरबाड़ों का प्रबंधन, फॉगिंग, मच्छर विकर्षी पौधों का रोपण और कुपोषित बच्चों की पहचान जैसे अलग अलग कार्य शासनादेश के अनुसार अलग अलग विभाग समन्वय बना कर करेंगे।
सीएमओ ने बताया कि जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ राजेश, जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह और जेई एईएस कंसल्टेंट सिद्धेश्वरी सिंह समेत जिला मलेरिया विभाग की टीम व अन्य अधिकारीकरण स्वास्थ्य विभाग की तरफ से समन्वय स्थापित करेंगे। सभी विभागों को प्रतिदिन की गतिविधियों का चित्र व वीडियो आदि साझा करने के लिए कहा गया है। स्वास्थ्य विभाग नोडल की भूमिका में है।
इस मौके पर एसीएमओ डॉ नंदलाल कुशवाहा, डॉ विनय पांडेय, डीटीओ डॉ गणेश यादव, डिप्टी सीएमओ डॉ अनिल सिंह, डीएचईआईओ केएन बरनवाल, विश्व स्वास्थ्य संगठन से डॉ विनय, यूनिसेफ से संदीप श्रीवास्तव, डॉ हसन फहीम, मलेरिया निरीक्षक प्रभात, राहुल, नगर निगम के अधिकारी व कर्मचारीगण, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से उपेंद्र मणि त्रिपाठी, धर्मवीर प्रताप, एएन मिश्रा, आदिल, अरविंद, रत्नाकर आदि प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।
नियंत्रित हुईं बीमारियां
सीएमओ डॉ चौधरी ने बताया कि इस वर्ष जिले में एईएस के छह मामले मिले हैं। जापानीज इंसेफेलाइटिस का कोई केस नहीं मिला है। डेंगू के अठारह मरीज सामने आए और सभी ठीक हो चुके हैं। मलेरिया, फाइलेरिया और कालाजार जैसी बीमारियों के एक भी रोगी नहीं मिले हैं। संचारी रोगों के कारण इस वर्ष अभी तक किसी की मृत्यु नहीं हुई है।