चिकित्सालयों को आदर्श बनाएं, मातृ शिशु स्वास्थ्य सेवाओं पर दें जोर
गोरखपुर, जिलाधिकारी कृष्णा करूणेश की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक शुक्रवार को देर शाम तक चली। बैठक में मौजूद सभी अधीक्षक और प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को दिशा-निर्देश मिला कि अपने-अपने चिकित्सालयों को आदर्श बनाएं । वहां ऐसा माहौल होना चाहिए कि कभी भी अगर व्यवस्था का औचक निरीक्षण किया जाए तो सबकुछ ठीकठाक मिले । समुदाय से भी उसकी प्रशंसा आनी चाहिए । समिति की बैठक में स्वास्थ्य सेवाओं और कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान मातृ शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर विशेष जोर देने का दिशा निर्देश मिला।
बैठक का संचालन करते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज आनंद ने बताया कि सभी ब्लॉक से मातृ मृत्यु की सूचना मिलना अनिवार्य है । जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि प्रत्येक मातृ मृत्यु की सूचना अनिवार्य तौर पर दी जाए ताकि केस ऑडिट करा कर कारणों का पता लगाया जा सके । इस रिपोर्टिंग के आधार पर कारण पता कर मातृ मृत्यु को रोकने के उपाय किये जा सकेंगे । छाया ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएसएनडी) में हो रहे गुणात्मक सुधार पर जिलाधिकारी ने प्रशंसा व्यक्त की और निर्देशित किया कि कि इसकी गुणवत्ता में शत प्रतिशत सुधार किया जाए। प्रत्येक कार्यक्रम की रिपोर्टिंग अवश्य हो ताकि राज्य स्तर पर जिले का संकेतांक अच्छा दिखे ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने जिलाधिकारी को बताया कि जनपद में स्क्रबटाइफस के मामले सामने आ रहा हैं । पंचायती राज विभाग को दिशा-निर्देश दिया गया कि विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान के दौरान झाड़ियों की सफाई की जाए और लोगों के बीच संदेश दिया जाए कि नंगे पैर खेतों और झाड़ियों में नहीं जाना है । बैठक में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, आयुष्मान भारत योजना, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की प्रगति, मंत्रा एप फीडिंग की प्रगति, टीबी उन्मूलन कार्यक्रम, कायाकल्प अवार्ड योजना, एनक्वास योजना, नियमित टीकाकरण और एचबीएनसी कार्यक्रमों की समीक्षा हुई। जिलाधिकारी को बताया गया कि जनपद में कोल्ड चेन की स्थिति में भी सुधार हुआ है जिसकी वजह से लोगों को गुणवत्तापूर्ण टीकाकरण की निःशुल्क सुविधा सरकारी अस्पतालों से मिल रही है। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीणा ने भी विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में बात की ।
बैठक के दौरान यूनिसेफ और पाथ संस्था के प्रतिनिधियों ने अपने फीडबैक दिये। सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) प्रतिनिधि ने स्वास्थ्य कार्यक्रमों के सुदृढ़ीकरण में मीडिया संचार की भूमिका पर प्रस्तुति दी । इस अवसर पर जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ राजेंद्र कुमार ठाकुर, महिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ एनके श्रीवास्तव, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नंद कुमार, डॉ एके चौधरी, डॉ गणेश प्रसाद यादव, डॉ नंदलाल कुशवाहा, जिला अस्पताल के अधीक्षक डॉ अंबुज श्रीवास्तव, जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह, डीडीएम पवन गुप्ता, डैम पवन कुमार, क्वालिटी सहायक विजय श्रीवास्तव, यूनिसेफ के डीएमसी डॉ हसन फहीम और पाथ संस्था से अभिनय कुशवाहा समेत जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारी और चिकित्सा अधिकारी मौजूद रहे ।