प्रयागराज, 24 फरवरी (वार्ता) महाकुंभ 2025 में हर दिन करोड़ों श्रद्धालु संगम में पुण्य की डुबकी लगाने के लिए प्रयागराज पहुंच रहे हैं। इतने बड़े पैमाने पर लोगों के आगमन के बावजूद कुशल प्रबंधन और अनुशासनिक कड़े नियमों के चलते अब तक यह आयोजन एक मिसाल बना हुआ है।
ज़िला मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार मंडार, जो न सिर्फ खुद हर व्यवस्था पर नजर बनाए हुए हैं, बल्कि प्रशासनिक टीम को भी पूरी तरह सक्रिय रखे हुए हैं। महाकुंभ का आयोजन जितना धार्मिक आस्था से जुड़ा है, उतना ही प्रशासनिक दक्षता और टीमवर्क की परीक्षा भी है। भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबंधन, चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता, सुरक्षा व्यवस्था और आपातकालीन सहायता को प्रभावी तरीके से लागू करना सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है।
रविंद्र कुमार मंडार, जो पहले भी अपनी प्रशासनिक निपुणता के लिए प्रधानमंत्री से सम्मान प्राप्त कर चुके हैं, इस चुनौती को पूरी संजीदगी से संभाल रहे हैं। बीते 40 दिनों से वह प्रतिदिन लगभग 22 घंटे तक काम कर रहे हैं ताकि हर छोटी-बड़ी व्यवस्था पर कड़ी निगरानी रखी जा सके। प्रयागराज रेलवे स्टेशन, जो इस दौरान सबसे व्यस्त स्थानों में से एक बन गया है, वहां भीड़ को सुव्यवस्थित रखने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। सटीक दिशानिर्देश, अलग-अलग निकासी मार्ग, रियल-टाइम संचार व्यवस्था और प्रशासनिक अधिकारियों की तैनाती के चलते श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है।
इसके अलावा, पूरे शहर में अस्थायी चिकित्सा केंद्र, आपातकालीन सेवाएं, खाने-पीने की सुव्यवस्था और रहने की उचित व्यवस्थाओं पर भी ध्यान दिया जा रहा है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन द्वारा पर्याप्त संख्या में स्वच्छता केंद्र स्थापित किए गए हैं। रविंद्र कुमार मंडार खुद इन व्यवस्थाओं का लगातार जायजा ले रहे हैं और जहां जरूरत पड़ रही है, वहां तुरंत फैसले लेकर सुधार भी कर रहे हैं।
जैसे-जैसे महाकुंभ समाप्ति की और बढ़ रहा है, प्रयागराज प्रशासन की रणनीति और टीमवर्क की सराहना की जा रही है। इस आयोजन ने यह दिखाया है कि सही नेतृत्व, ठोस योजना और समर्पित टीमवर्क के बल पर किसी भी बड़े आयोजन को सफलतापूर्वक संचालित किया जा सकता है। आने वाले दिनों में भी प्रशासन की चुनौती बनी रहेगी, लेकिन अब तक जो व्यवस्थाएं बनी हुई हैं, वह इसे अब तक का सबसे व्यवस्थित और सफल महाकुंभ बनाने की दिशा में आगे बढ़ा रही हैं।