वाशिंगटन/तेल अवीव, 16 जून (वार्ता) इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी अधिकारियों के उस दावे को खारिज किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि इजरायल ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को मारना चाहता था लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने उसे ऐसा करने से रोक दिया।
गौरतलब है कि इजरायली रक्षा बल (आईडीएफ) की ओर से किये गये हमलों में ईरान के कई शीर्ष अधिकारी मारे गये थे, जिनमें इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) कमांडर जनरल होसैन सलामी और ईरानी सेना के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (सीओएएस) जनरल मोहम्मद बाघेरी शामिल थे। श्री नेतन्याहू ने इस अभियान को ईरानी परमाणु बुनियादी ढांचे पर ‘पूर्व-खाली हमला’ बताया था।
अमेरिका की डिजिटल मीडिया पोलिटिको की रिपोर्ट के अनुसार श्री खामेनेई के प्रति शत्रुता के भाव के बावजूद श्री ट्रम्प उन्हें एक समझौते पर पहुंचने के लिए बातचीत की मेज पर लाने के लिए तैयार है जो दोनों देशों के लिए व्यवहारिक हो और दोनों को स्वीकार्य हो ताकि कूटनीति के जरिये इजरायल-ईरान के बीच खतरनाक टकराव रोका जा सके।
श्री ट्रम्प ने इजरायली हमलों के बाद श्री खामनेई को अल्टीमेटम देते हुए शुक्रवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा था “ इससे पहले की कुछ भी न बचे ईरान को समझौता कर लेना चाहिए और ईरानी साम्राज्य को बचाना चाहिए।”
श्री नेतन्याहू ने हालांकि रिपोर्ट को गलत बताते हुए इसकी निंदा की है। उन्होंने रविवार को फॉक्स न्यूज से कहा, “ ऐसी कई झूठी रिपोर्ट हैं जो कभी हुई ही नहीं और मैं इसमें नहीं पड़ने वाला। लेकिन मैं आपको बता सकता हूं कि हमें जो करना चाहिए, हम वही करेंगे और मुझे लगता है कि अमेरिका जानता है कि उसके लिए क्या अच्छा है।”
इस दौरान उन्होंने इस बात से इनकार नहीं किया कि ईरान के साथ इजरायल के युद्ध में शासन परिवर्तन उनके लक्ष्य का हिस्सा था। उन्होंने कहा “ यह निश्चित रूप से परिणाम हो सकता है, क्योंकि ईरान शासन बहुत कमजोर है। मुझे लगता है कि उसके पास मूल रूप से दो चीजें बची हैं, परमाणु बम और बैलिस्टिक मिसाइल रखने की उनकी योजना।”
अमेरिका में इजरायल के राजदूत येचिएल लीटर ने भी रविवार को श्री खामेनेई पर कार्रवाई की संभावना से इनकार नहीं किया था।
उन्होंने एबीसी न्यूज चैनल से कहा “ मुझे लगता है कि यह कहना उचित होगा कि जो कोई भी इजरायल के विनाश की धमकी दे रहा है, उसे लक्ष्य सूची से बाहर नहीं किया जाना चाहिए। लेकिन हम ऑनलाइन विशिष्ट व्यक्तियों पर चर्चा नहीं करेंगे।”
उन्होंने कहा “ इसका उद्देश्य परमाणु हथियारों और बैलिस्टिक मिसाइलों के माध्यम से इजरायल को नष्ट करने के ईरानी इरादे को बेअसर करना और समाप्त करना है। जो कोई भी इसके रास्ते में आता है, या इजरायल को नष्ट करने के इरादेस से आगे बढ़ाता है, तो वह स्पष्ट रूप से ऐसा व्यक्ति है जिससे हमें निपटना होगा।”