गोरखपुर। जिले भर में सीआई ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता पोषण दिवस-शहरी स्वास्थ्य स्वच्छता पोषण दिवस (सीआई वीएचएसएनडी-यूएचएसएनडी) सत्रों के करीब दो सौ मॉडल तैयार किये जाएंगे। इसके पीछे उद्देश्य है कि बाकी सत्रों के आयोजन में भी उनसे सीख ली जाए और पूरे जनपद में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकें। जिला स्वास्थ्य समिति से जुड़ी कार्यकारी समिति की बैठक में सीएमओ डॉ राजेश झा ने जनपद के सभी संबंधित अधिकारियों को इसके लिए तैयारी करने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि सभी ब्लॉक में दस दस और शहरी क्षेत्र में भी दस मॉडल सत्र स्थल तैयार करने हैं। सोमवार को हुई इस बैठक में जिले में चल रहे सभी स्वास्थ्य कार्यक्रमों और सीएचसी पीएचसी की स्थिति एवं दी जा रही सेवाओं की भी समीक्षा की गई।
सीएमओ डॉ राजेश झा ने बताया कि मॉडल सत्र स्थल पर मानकों के अनुसार सभी सेवाओं, दवाओं, उपकरणों, पर्यवेक्षण आदि की गुणवत्तापूर्ण उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। सत्र को मॉडल घोषित करने से पहले ब्लॉक स्तरीय और जिला स्तरीय समितियां मूल्यांकन करेंगी। आवश्यकतानुसार क्षमता संवर्धन भी किये जाएंगे। इस कार्य में सहयोगी संस्थाओं की भी मदद ली जाएगी।
डॉ झा ने बताया कि सीआई वीएचएसएनडी और यूएचएसएनडी सत्र, समुदाय के सबसे नजदीक होते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में एक हजार की आबादी पर, जबकि शहरी क्षेत्रों में ढाई हजार की आबादी पर इनका आयोजन होता है। प्रत्येक बुधवार और शनिवार को आयोजित इन सत्र स्थलों पर योग्य दंपति, गर्भवती, शून्य से चौरासी माह तक के बच्चों और उनके अभिभावकों तथा धात्री महिलाओं एवं किशोर किशोरियों को स्वास्थ्य सेवाएं दी जाती हैं।
उन्होंने बताया कि मॉडल सत्र स्थल पर आवश्यक लॉजिस्टिक्स एवं क्रियाशील उपकरणों और आवश्यक औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाएगी। साथ ही दिशा निर्देशों के अनुसार सेवाएं दी जाएंगी और छूटे हुए अवसरों की पहचान कर परामर्श जांच एवं सेवाएं दी जाएंगी। सभी अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक ब्लॉक में पांच आयुष्मान आरोग्य मंदिर सत्र स्थल और पांच ग्रामीण सत्र स्थल को मॉडल के तौर पर विकसित किया जाना है।
इस अवसर पर जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ नंदलाल कुशवाहा, जिला क्षय अधिकारी डॉ गणेश यादव, जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह, डिप्टी सीएमओ डॉ अश्विनी चौरसिया, डॉ राजेश, जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज आनंद, डीसीपीएम रिपुंजय पांडेय समेत सभी ब्लॉक स्तरीय अधिकारी और जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई के सहयोगी प्रतिनिधिगण मौजूद रहे।
सत्रों पर दी जाने वाली प्रमुख सेवाएं
· परिवार नियोजन
· गर्भावस्था जांच और एचआरपी स्क्रीनिंग
· शिशु व धात्री स्वास्थ्य सेवा एवं परामर्श
· नियमित टीकाकरण
· स्वास्थ्य एवं पोषण परामर्श
· आवश्यक दवाओं का वितरण