वाराणसी 21 अप्रैल (वार्ता) अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में शोध प्रवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता और शुचिता सुनिश्चित करने की मांग करते हुए कहा है कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण के मामले में केंद्र सरकार के स्पष्ट दिशा-निर्देशों के अनुसार ही निर्णय लिया जाना चाहिए।
वर्तमान में हिन्दी विभाग में शोध प्रवेश को लेकर दो अभ्यर्थियों द्वारा ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र की वैधता एवं प्रवेश प्रक्रिया की पारदर्शिता पर आपत्ति दर्ज कराई गई है, जो इस समय विश्वविद्यालय की यूएसीबी समिति के समक्ष विचाराधीन है।
अभाविप का कहना है कि इस प्रकरण में कुछ राजनीतिक दलों और असामाजिक तत्वों द्वारा जांच प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है। अभाविप काशी हिन्दू विश्वविद्यालय इकाई मंत्री भास्करादित्य त्रिपाठी को जानबूझकर निशाना बनाते हुए सोशल मीडिया पर उनके विरुद्ध दुष्प्रचार किया जा रहा है, जबकि यह मामला विभागीय लापरवाही और प्रशासनिक चूक का परिणाम है।
अभाविप का स्पष्ट मत है कि विश्वविद्यालय परिसर शिक्षा का केंद्र है, न कि राजनीतिक दलों और विभाजनकारी संगठनों की गतिविधियों को बढ़ावा देने का स्थान। हिन्दी विभाग में हुई अनियमितताओं की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के विरुद्ध त्वरित कार्यवाही की जानी चाहिए। अभाविप ने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की है कि परिसर में असामाजिक और शिक्षा विरोधी तत्वों की गतिविधियों पर शीघ्र रोक लगाई जाए, जिससे विश्वविद्यालय का शैक्षणिक वातावरण सुरक्षित और सुचारु रूप से संचालित रह सके।