गोरखपुर। जिले की अट्ठावन जन आरोग्य समितियों के पदाधिकारियों के लिए स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को अभिमुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश झा ने कहा कि समितियों को शासन से प्राप्त दिशा निर्देशों के अनुसार गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के लिए ही धन खर्च करना है। स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने में जन आरोग्य समितियों की अहम भूमिका है। समिति के माध्यम से न केवल स्वास्थ्य इकाइयों के आधारभूत संरचना में आमूलचूल परिवर्तन संभव है, बल्कि जनजागरूकता का स्तर बढ़ा कर स्वस्थ समाज का निर्माण भी किया जा सकता है।
इस मौके पर समिति के पदाधिकारियों ने आसपास के ग्राम पंचायतों के सहयोग से चिकित्सा इकाइयों के विकास आश्वासन दिया। कार्यशाला का स्वागत करते हुए पदाधिकारियों ने हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया। तय हुआ कि तीन माह बाद पुन: बैठक कर सकारात्मक प्रयासों को बढ़ाया जाएगा।
सीएमओ डॉ झा ने समिति के पदाधिकारियों को विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शीघ्र जांच और इलाज से किसी भी बीमारी को जटिल होने से बचाया जा सकता है। खासतौर से कैंसर की चर्चा करते हुए सीएमओ ने कहा कि समय से पहचान कर इस बीमारी का भी इलाज संभव है। इस दिशा में आयुष्मान आरोग्य मंदिर श्रेणी के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की अहम भूमिका है। इन केंद्रों पर सभी प्रमुख बीमारियों की जांच और इलाज की सुविधा उपलब्ध है। जन जन तक यह संदेश पहुंचाना होगा कि किसी भी प्रकार की बीमारी होने पर निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर जांच व परामर्श के लिए पहुंच सकते हैं।
सीएमओ ने बताया कि जन आरोग्य समिति में जिला पंचायत सदस्य या ब्लॉक पंचायत सदस्य अध्यक्ष होते हैं, जबकि प्रभारी चिकित्सा अधिकारी सचिव होते हैं। स्वास्थ्य इकाई पर आधारभूत विकास कार्य व अन्य आवश्यक काम के लिए दोनों लोगों के हस्ताक्षर से पैसे खर्च किये जा सकते हैं। जिले में इस समय क्रियाशील अट्ठावन समिति में से प्रत्येक समिति को करीब सतासी हजार रूपये जारी किये जा रहे हैं। समितियों से कहा गया है कि वह इस धन से मानकों का पालन करते हुए चिकित्सा इकाइयों पर मरीजों की प्राथमिक सुविधा के लिए काम कराएं।
कार्यक्रम में डीसीपीएम रिपुंजय पांडेय और मंडलीय कम्युनिटी प्रासेस कंसल्टेंट राजीव रंजन ने विशेष सहयोग किया। इस अवसर पर मंडलीय क्वालिटी कंसल्टेंट डॉ जसवंत मल्ल और डीपीएम पंकज आनंद भी मौजूद रहे।