Tuesday, June 17, 2025

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गोजए और प्रेस क्लब गोरखपुर ने आयोजित की पत्रकारिता दिवस अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठ

गोरखपुर 30 मई (वार्ता)आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने कुछ मानको में पत्रकारिता को सहज बनाने का भ्रम तो दिया है, पर यह बुद्धिमत्ता जनित पत्रकारिता के समक्ष एक संकट के रूप में फैलती जा रही है। इससे वैश्विक रूप से पत्रकारिता के व्यवसायीकरण की संभावना बढ़ जाती है। उक्त विचार पूर्व कुलपति एवं राजनीति शास्त्र के प्रोफेसर डॉ श्री प्रकाशमणि त्रिपाठी ने शुक्रवार को गोरखपुर जर्नलिस्ट एसोसिएशन और प्रेस क्लब गोरखपुर के संयुक्त तत्वावधान में पत्रकारिता दिवस पर आयोजित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और पत्रकारिता विषय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कहा कि नैसर्गिक बुद्धिमत्ता सामाजिक सरोकारों को बढ़ावा देती है, जबकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सारी सीमाएं खत्म कर देता है। इससे समाचार पढ़ने के लिए नहीं वरन यह समाचार बेचने के लिए ज्यादा कार्य करती है। उन्होंने कहा की संपन्नता की दौड़ में हम अंधे होकर इंटरनेट के गुलाम बन गए हैं।
संगोष्ठी के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय सहारा कानपुर के स्थानीय संपादक मनोज तिवारी ने कहा की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस गलत सूचनाओं को सजाकर पेश करता है अगर यह इसी प्रकार बढ़ता रहा तो सही मायने में यह पत्रकारिता के लिए भस्मासुर बन जाएगा और साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे पत्रकार जागरुक है और वह इसके बहकावे में नहीं आएंगे।
विषय प्रवर्तन के दौरान मेजर डॉक्टर श्री भगवान सिंह ने कहा की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस नई ताकत के रूप में उभर रहा है। इसके नकारात्मक प्रभावों को ध्यान में रखना होगा, चूक हुई तो गलत सूचना का प्रचार होगा यह पत्रकारिता के लिए घातक होगी या ताकतए यह विचार का विषय है।
मुख्य वक्ता प्रोफेसर चितरंजन मिश्रा ने कहा कि आज का दौरा शब्दों की अवधारणाओं के अवमूल्यन का समय है। इस सोशल मीडिया इंटरनेट ने हमारी स्मृति को कमजोर कर दिया है। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को भाषा और विचार के विकास की सबसे क्रूर दगाबाजी की संज्ञा दी। उन्होंने कहा की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने सूचना क्रांति को सूचना भ्रांति के रूप में परिवर्तित कर दिया है।
विशिष्ट वक्ता वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक नारायण धर दुबे ने कहा की सवाल है कि क्या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पत्रकारों की दोस्त है या विरोधीघ् हम जिस प्रकार न्यायालय कक्ष में सच का प्रमाण देते हैं वैसे ही पत्रकारिता में भी सतर्कता के साथ सच को परोसना होगा।
नेपाल देश से आए लुंबिनी प्रेस क्लब के अध्यक्ष कमल राय मांझी ने भारत और नेपाल के पत्रकारों के गोजए द्वारा आयोजित इस संयुक्त गोष्ठी के लिए गोजए अध्यक्ष रत्नाकर सिंह की सराहना की और उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आज पूरे विश्व के सामने नकारात्मकता फैला रहा है। ण्इसके साथ बहुत ही सतर्क होकर इसका प्रयोग करना होगा।
श्री माझी ने कहा कि भारत और नेपाल के पत्रकारों का एक साथ दोनो का वर्कशाप होना चाहिए जिसमें विचार विमर्श किया जाय। वर्कशाप में जो मुददे आते हैं उस पर रिपो्रटिंग होनी चाहिए।
इस अवसर पर गोजए द्वारा संचालित पत्रकार फूल नारायण धर द्विवेदी स्मृति पुस्तकालय का लोकार्पण भी किया गया साथ ही गोजए द्वारा अपने सदस्यों को जारी विशेष वाहन स्टिकर का भी लोकार्पण नेपाल से आए लुंबिनी प्रेस क्लब के अध्यक्ष कमल राय मांझी, मंत्री प्रकाश न्योपाने और कोषाध्यक्ष विष्णु भट्टराई ने किया। साथ ही पत्रकार श्री शफी आज़मी को स्वर्गीय पत्रकार योगेश्वर सिंह स्मृति सम्मान, पत्रकार आनंद राय को फोटो जर्नलिस्ट स्वर्गीय डीके गुप्ता स्मृति सम्मान, पत्रकार राजीव ओझा को पत्रकार स्वर्गीय धर्मेंद्र मिश्रा स्मृति सम्मान, समाचार वाचिका सुकीर्ति अस्थाना को लोकगायिका स्वर्गीय मैनावती देवी श्रीवास्तव स्मृति सम्मान तथा उर्दू साहित्यकार व पत्रकार श्रीमती दरख्शां ताजवर को स्वर्गीय उर्मिला शुक्ला स्मृति सम्मान प्रदान किया गया।
इस अवसर पर गोरखपुर जर्नलिस्ट एसोसिएशन के संरक्षक डॉक्टर एसपी त्रिपाठीए वरिष्ठ पत्रकार जगदीश लाल, कामिल खान, एसपी सिंह, अखिलेश चंद, उमेश तिवारी, सहित गोरखपुर जर्नलिस्ट प्रेस क्लब की समस्त कार्यकारिणी को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के समापन पर पहलगाम के शहीदों और सीमा पर शहीद हुए जवानों और सीमावर्ती लोगों के साथ पत्रकार बलवंत राय और पत्रकार वशिष्ठ मुनि को श्रद्धांजलि अर्पित कर 2 मिनट का मौन रखा गया तथा राष्ट्रगान के साथ समारोह समाप्त हुआ।

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