पडगेट इलेक्ट्रॉनिक्स सहायता राशि जारी किए जाने के लिए स्वीकृत पहली लाभार्थी
नयी दिल्ली, नोएडा की पडगेट इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड पहली आवेदक है जिसे एक अधिकार प्राप्त सरकारी समिति ने बड़े स्तर के इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन ( पीएलआई) योजना का लाभ जारी किए जाने का अनुमोदन किया है।
सरकार की ओर से शनिवार को जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया, “घरेलू कंपनी मेसर्स पडगेट इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड वित्त वर्ष 2021-22 के लिए अपने वृद्धिशील निवेश और बिक्री के आंकड़ों के आधार पर मोबाइल निर्माण के तहत प्रोत्साहन प्राप्त करने के लिए अधिकार प्राप्त समिति द्वारा अनुमोदित पहली लाभार्थी है।” पडगेट इलेक्ट्रॉनिक्स शत प्रतिशत डिक्सन टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड की अनुषंगी कंपनी है और इसकी विनिर्माण सुविधाएं नोएडा में हैं ।
सरकार ने कहा है कि अन्य हितग्राहियों द्वारा प्रोत्साहन हेतु प्राप्त आवेदनों पर भी शीघ्र स्वीकृति हेतु विचार किया जायेगा।
नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) परमेश्वरन अय्यर, डीपीआईआईटी सचिव अनुराग जैन, मेइटी के सचिव अलकेश कुमार शर्मा और वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग, राजस्व विभाग, आर्थिक मामलों के विभाग और विदेश व्यापार महानिदेशालय के प्रतिनिधियों की अधिकार प्राप्त समिति ने एमईआईटीवाई द्वारा प्रस्तुत प्रोत्साहनों के वितरण के प्रस्ताव पर विचार किया। अधिकार प्राप्त समिति ने पीएलआई योजना के तहत चयनित लाभार्थी को प्रोत्साहन राशि के वितरण के लिए अपनी सिफारिशें दीं।
बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए पीएलआई योजना के तहत 32 आवेदकों को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 10 (पांच वैश्विक और पांच घरेलू कंपनियों) को मोबाइल निर्माण के लिए मंजूरी दी गई थी। इनमें से पडगेट इलेक्ट्रॉनिक्स सहायता राशि जारी किए जाने के लिए स्वीकृत पहली लाभार्थी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेक इन इंडिया पहल के तहत परिकल्पित प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजनाओं के तहत पहली बार संवितरण में, सीईओ, नीति आयोग की अध्यक्षता वाली अधिकार प्राप्त समिति ने ‘बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण’ के तहत मोबाइल निर्माण क्षेत्र के लिए प्रोत्साहन दिए जाने के इस पहले मामले को आज मंजूरी दी।
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (मेईटी) के लिए तैयार की गयी इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए पीएलआई योजना, भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण के लिए एक प्रतिस्पर्धी गंतव्य बनाने और इस क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर चैंपियन घरेलू इकाइयां बनाने में मददगार साबित हो सकती है।
सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार जून 2022 को समाप्त तिमाही के लिए, इस पीएलआई योजना के तहत आवेदकों ने 65,240 करोड़ रुपये के निर्यात सहित 1,67,770 करोड़ रुपये की बिक्री की थी। इस पीएलआई योजना से 28,636 लोगों को रोजगार भी मिला है। पिछले तीन वर्षों में निर्यात में 139 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण पर पीएलआई योजना को मार्च 2020 में 38,645 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ अनुमोदित किया गया था। इसमें मोबाइल फोन का निर्माण और विशिष्ट इलेक्ट्रॉनिक घटकों के निर्माण को प्रोत्सहन देने का प्रावधान है। सरकार को इस योजना से 10,69,432 करोड़ रुपये का अतिरिक्त उत्पादन और सात लाख लोगों के लिए रोजगार पैदा होने की उम्मीद है।