गोरखपुर। जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी (डीटीओ) डॉ गणेश यादव ने लगातार तीसरे माह चरगांवा पीएचसी पहुंच कर टीबी उपचाराधीन मरीजों को गुरूवार शाम को पोषण पोटली दी। इस मौके पर उनके साथ उनकी छोटी बेटी डॉ अनुकृति ने भी पहुंच कर मरीजों का मनोबल बढ़ाया। डॉ यादव ने अपनी बड़ी बेटी डॉ आकृति राज के जन्मदिन पर चरगांवा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र क्षेत्र के पांच टीबी उपचाराधीन मरीजों को गोद लिया था। उन्होंने संकल्प लिया है कि वह इन मरीजों के इलाज चलने तक उनका मनोबल बढ़ाएंगे और आवश्यक सहयोग देंगे।
डीटीओ डॉ यादव ने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश झा के दिशा निर्देशन में टीबी एडॉप्शन कार्यक्रम को गति प्रदान की जा रही है। जिले में इस समय 3736 निक्षय मित्र 5405 टीबी रोगियों को गोद लेकर उनकी देखभाल कर रहे हैं। उनके द्वारा खुद टीबी मरीजों के गोद लेने का उद्देश्य लोगों को प्रेरित करना और रोल मॉडल पेश करना है । सेवानिवृत्त एडी हेल्थ डॉ एके श्रीवास्तव और उनकी पत्नी विमला श्रीवास्तव भी चरगांवा क्षेत्र के मरीजों को गोद लेकर उनका निरंतर देखभाल करती हैं और दोनों लोग समाज में मिसाल पेश कर रहे हैं। हमारी कोशिश है कि सामाजिक लोग प्रेरित होकर नये टीबी मरीजों को गोद लेने के लिए सामने आएं।
डीटीओ डॉ गणेश यादव ने बताया कि पूरे प्रदेश में अकेले गोरखपुर जनपद ऐसा है जहां जन्मदिन, पुण्यतिथि, सेवानिवृत्ति और वैवाहिक वर्षगांठ आदि प्रमुख मौकों पर लोग नये उपचाराधीन टीबी मरीजों को गोद लेने के लिए सामने आ रहे हैं। गोद लिये गये मरीज को पोषक सामग्री जैसे फल, मूंगफली, सोयाबीन, गुड़, चना आदि की पोटली इलाज चलने तक प्रति माह देना है। साथ में मरीज का मनोबल बढ़ा कर रखना है ताकि बीच में वह दवा खाना बंद न करे और पूरी तरह से ठीक हो सके।
इस अवसर पर चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रफुल्ल राय, एनटीईपी स्टॉफ केशवधर दूबे, मनीष कुमार तिवारी और लैब टेक्निशियन व पीएचसी के अन्य अधिकारी और कर्मचारीगण मौजूद रहे।