प्रयागराज, 28 मई (वार्ता) गेहूं का चोकर युक्त आटा पाचन तंत्र के लिए संजीवनी से कम नहीं है। इसमें पोटेशियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, सेलेनियम और मैंगनीज से प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो उसकी शक्ति को अधिक बढ़ाता है और ऊर्जा स्तर को बढ़ाने, प्रतिरक्षा कार्य को बेहतर बनाने तथा तंत्रिका तंत्र को मजबूत करने में मदद करता हैं।
डायटिशियन और क्लिनिकल न्यूट्रीनिस्ट के अनुसार गेहूं के चोकर में फाइबर की उच्च मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में संजीवनी से कम नहीं है। गेहूं का चोकर युक्त आटा इंटेस्टाइन (आंत) को स्वस्थ रखने में मदद करता है। चोकर फाइबर का एक अच्छा स्रोत है, जो आंतों को कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करता है।इसका दरदरापन शुगर मेटाबाॅलिज्म को बढ़ाता है और इसके स्पाइक को रोकता है।
चोकर में मौजूद फाइबर शुगर सोखने में मदद करता है और पेट का मेटाबोलिक रेट को बढ़ाता है जो खाने से निकलने वाला शुगर स्वत: पचा लेता है। “चोकर युक्त आटा” शरीर में इंसुलिन हार्मोन को तेज करने के साथ इसके उत्पाद को बढ़ाता है जो खून में शुगर को मिलने से रोकता है और शुगर नियंत्रित करने में सहायक होता है।
इलाहाबाद के नैनी स्थित आरोग्य आश्रम एवं आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान के आयुर्वेदाचार्य डा नरेंद्र नाथ केसरवानी ने ‘यूनीवार्ता’ को बताया कि आटे से निकलने वाली गेहूं की भूसी को चोकर कहा जाता हैं। चोकर में अनेक विटामिन और पौष्टिक तत्व पाए जाते है जो शरीर के लिए लाभदायक होते हैं। गेहूं का चोकर पोटेशियम , मैग्नीशियम, फास्फोरस, सेलेनियम और मैंगनीज से भरपूर होता है। अन्य अनाजों की तुलना में चोकर में फाइबर, प्रोटीन, विटामिन और खनिज अधिक मात्रा में पाया जाता है। यह कैंसर, शुगर, क्षय रोग और हृदय-रोग जैसे अनेक घातक बीमारियों को कम करने में सहायक होता है।
डा केसरवानी ने बताया कि भागमभाग जीवन शैली और बिगड़े खानपान के कारण लोगों में कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती है। ऐसे में चोकर में मौजूद पौष्टिक तत्व कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में सहायक होकर हमारी सेहत को बेहतर बनाता है।
उन्होंने बताया कि चोकर को भोजन में शामिल करने से ब्लड एसोडोसिस (अम्ल पित्तता) करीब 90 फीसदी कम होता है जिससे मस्तिष्क स्ट्रोक, मस्तिष्क की नसों में ब्लाॅकेज, हार्ट ब्लाॅकेज और लीवर आदि के ब्लाॅकेज होने की संभावना बहुत कम होती है। चोकरयुक्त आटा खाने वालों को एपेंडिसाइटिस ,आंतो की बीमारी, अर्श (पाइल्स) भगंदर, बृहदान्त्र और मलाशय का कैंसर का खतरा न/न के बराबर रहता है। इसमें पाए जाने वाले फाइबर कोलेस्ट्रॉल के लेवल को नियंत्रित करने में मदद करते हैं, जिससे हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम होता है। यह आंतों की बीमारियों से बचाव करता है और मांसपेशियों तथा हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। इसके उपयोग से खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ती है।
डा केसरवानी ने बताया कि चोकर एक अघुलनशील फाइबर का एक मूल्यवान आहार स्रोत है जो पाचन स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने बताया कि प्रीबायोटिक (वे खाद्य पदार्थ या पोषक तत्व होते हैं जो पाचन तंत्र में ‘अच्छे’ जीवाणुओं के विकास को बढ़ावा देते हैं) के रूप में काम करके स्वस्थ आंत बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देकर समग्र आंत के बेहतरी में योगदान देता है और कोलन कैंसर के जोखिम को कम करता है। इससे स्वस्थ माइक्रोबायोम (हमारे पाचन, प्रतिरक्षा प्रणाली और समग्र स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है) को बनाए रखने में मदद मिल सकती है जो अंतत: दीर्घकालिक स्वास्थ्य और बीमारी की रोकथाम में योगदान देता है।
चोकर में मौजूद फाइबर कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता हैं, जिससे हृदय रोग का खतरा भी कम हो सकता है और हाई फाइबर ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल रखने में सहायक होता है, जिससे मधुमेह का खतरा कम होता है। चोकर क्षारधर्मी (एल्केलाइन) होने के कारण रक्त में रोगों से लड़ने की ताकत बढ़ाता है। वैज्ञानिक प्रमाण हैं कि कब्ज दूर करने के लिए गेहूं का चोकर सर्वश्रेष्ठ फाइबर है। यह पाचन तंत्र में पदार्थों की गति बनाए रखता है जिससे गैस,अजीर्ण और सुस्ती जैसी पाचन संबंधी गड़बड़ी नहीं रहती है।
उन्होंने बताया कि चाेकर बैड कोलेस्ट्रॉल और खून में मौजूद ट्राइग्लिसराइड्स नाम के फैट से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता है। कई रिसर्च में यह साबित हो चुका है है कि हाई फाइबर वाला खाना दिल के लिए अच्छा होता है। चोकर वाला आटा खाने से शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स में कमी आती है और गुड कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ता है, जिससे दिल पर मंडराता खतरा कम होता है। चोकर में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स दिल को स्वस्थ्य रखता हैं। यह शरीर की प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाकर इम्यूनो-ग्लोबुलीन्यस की मात्रा रक्त में बढ़ाता है।
डा केसरवानी ने बताया कि आंतों की सफाई में चोकर महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करता है। इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम जैसी पेट और आंतों से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम होता है। चोकर युक्त आटा खाने से बार बार होने वाला जुकाम, सिरदर्द, भूख की कमी, तथा दांतों से एनामेल हटना आदि का उपचार चोकर से हो सकता है। उन्होंने बताया कि लोग नाश्ते के लिए चोकर वाली महंगी कुकीज, ब्रेड और अनाज तो खा ही रहे हैं, चोकर के चमत्कारिक गुण के कारण स्क्रबर जैसे ब्यूटी प्रोडक्ट्स भी बाजार में आ चुके हैं।
उन्होंने बताया कि गेहूं के आटे का चोकर अन्त:स्रावी ग्रंथियों के नैसर्गिक क्रिया कलाप में मदद करता है। इसके सेवन से जठराग्नि (पाचन तंत्र के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है और यह भोजन को पचाने और शरीर द्वारा पोषक तत्वों को अवशोषित करने में मदद करता है) प्रदीप्त होती है, जो कब्ज ,अपच आदि विकारों से छुटकारा दिलाता है। चोकर युक्त रोटियां खाने से पेप्टिक अल्सर नहीं होता।
साबुत गेहूं का चोकर कई स्वास्थ्य लाभ के कारण महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह आहार फाइबर, विटामिन, और खनिजों का एक अच्छा स्रोत है। यह पाचन में सुधार करता है, हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है, और कुछ प्रकार के कैंसर का खतरा भी कम करता है। चोकरयुक्त आटे की रोटियां नियमित कुछ दिन खाने से इन रोगों में कमी आती है। चोकर में अल्सर पैदा करने वाले तत्वों को कमजोर करने की क्षमता होती है। इस तथ्य की पुष्टि वैज्ञानिकों ने भी की है।
डा केसरवानी ने बताया कि वात, पित्त और कफ ये तीनों दूषित न/न हो इसलिए फाइबर रिच फूड खाना चाहिए। इसके सेवन से आंतों के कैंसर का खतरा 40 फीसदी तक कम हो जाता है। यह आहार पाचन को बेहतर बनाता है, कब्ज को रोकता है, और आंत में स्वस्थ बैक्टीरिया को बढ़ाता है, जो कैंसर के जोखिम को कम करने में सहायक हो सकते हैं।
उन्होंने बताया कि प्रति 100 ग्राम चोकर में दस से 12 फीसदी जल, लगभग 15 फीसदी प्रोटीन , 4.3 फीसदी वसा पाया जाता है। एक वयस्क भारतीय नाश्ते में दो ग्राम या इससे कम का फाइबर लेता है जबकि एक वयस्क स्त्री और पुरुष के लिए क्रमश 25 ग्राम और 31 ग्राम करने पर भी नाश्ते के पोषक तत्वों की कमी पूरी नहीं होती। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद वयस्कों के लिए 25-40 ग्राम प्रतिदिन फाइबर सेवन की संस्तुति करता है। महिलाओं के लिए लगभग 25 ग्राम और पुरुषों के लिए लगभग 38 ग्राम की सिफारिश करता है।