उत्तरप्रदेश
दवा नहीं एंडोस्कोपी से ठीक होगी डायबिटीज- डॉ. नागेश्वर रेड्डी
प्रयागराज(आरएनएस)। इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के वार्षिक सम्मेलन अमाकॉन-25 का आयोजन प्रयागराज में चल रहा। रविवार को हुए इस नेशनल कॉन्फ्रेंस में देश भर एक्सपर्ट शामिल हुए। इसमें गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के महत्वपूर्ण विषयों पर व्याख्यान हुआ। नई तकनीक के जरिए इलाज पर डॉक्टरों ने अपना राय साझा किया। मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद विश्व प्रसिद्ध प्रोफेसर एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के संस्थापक और निदेशक, डॉ. नागेश्वर रेड्डी रहे। उन्होंने डॉ. बीएल अग्रवाल ऑरेशन के अंतर्गत मेटाबोलिक एंडोस्कोपी पर अपना लेक्चर दिया।
डायबिटीज पर फोकस करते हुए कहा कि डायबिटीज के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके लिए रिसर्च भी हो रहे हैं। अभी हम मेडिसिन से डायबिटीज का इलाज करते हैं। अब टाइप-2 डायबिटीज को हम एंडोस्कोपी के जरिए भी ठीक कर सकते हैं। यह नई तकनीक कारगर है। कई बार दवा से डायबिटीज नहीं ठीक होता है तो एंडोस्कोपी करना पड़ता है। इसके पूर्व एएमए के अध्यक्ष डॉ. कमल सिंह, एसोसिएशन के सचिव डॉ. आशुतोष गुप्ता व आयोजन सचिव डॉ. रोहित गुप्ता समेत अन्य पदाधिकारियों ने आए हुए डॉक्टरों का स्वागत किया।
इसके अलावा एम्स नई दिल्ली के गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर डॉ. प्रमोद गर्ग ने ‘डॉ. अनूप त्रिपाठी ऑरेशन’ के तहत तीव्र और दीर्घकालिक पैनक्रियाटाइटिस के विषय पर अपना व्याख्यान दिया।
हूएचयू के प्रोफेसर डॉ. वीके दीक्षित ने पीपीआई का सही और गलत उपयोग पर जानकारी साझा किया। सेंट जॉन्स मेडिकल कॉलेज, बेंगलुरु के डॉ. हर्षद देवरभवी ने ‘दवाओं से होने वाली लीवर की बीमारियां’ पर संबोधित किया। पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ के प्रोफेसर डॉ. टीडी यादव ने ‘कोलेसिस्टेक्टोमी के बाद बाइलरी चोटों का सर्जिकल प्रबंधन’ पर, बोला। एम्स नई दिल्ली से आए डॉ. सागनिक विस्वास ने एसाइटिस का निदान और प्रबंधन विषय पर व मेदांता, गुरुग्राम से आए डॉ. राजेश पुरी ‘कोलेसिस्टेक्टोमी के बाद बाइलरी चोटों का एंडोस्कोपिक प्रबंधन’ पर व्याख्यान प्रस्तुत किया।